इंटरनेट पर कुछ भी करने के लिए ब्राउजर एप्लीकेशन एक प्रवेश द्वार की तरह काम करता है। लेकिन इस तरह के एप्लीकेशन की सुरक्षा में हुई मामूली चूक भी उपयोगकर्ता को बड़ी परेशानी में डाल सकती है। गूगल क्रोम भी ऐसा ही ब्राउजर एप्लीकेशन है। विश्व में लगभग 66 प्रतिशत इंटरनेट उपयोगकर्ता इसे विश्वसनीय मानते हैं। लेकिन बीते दिनों क्रोम की एक कमजोरी उजागर हुई, जिससे लगभग 250 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ताओं का डेटा खतरे में पड़ गया है। एक साइबर सुरक्षा कंपनी इम्परवा रेड ने क्रोम और क्रोम आधारित ब्राउजर में एक खामी का पता लगाया है।
दरअसल, जब आप गूगल क्रोम का उपयोग सर्चिंग, ईमेल लॉग इन या दूसरी गतिविधियों के लिए करते हैं तो उसमें आपकी ढेरों व्यक्तिगत सूचनाएं एकत्रित होती रहती हैं। जैसे- आप ईमेल लॉग इन करते हैं तो अपने नाम, ईमेल आईडी, पासवर्ड, ऑनलाइन बैंकिंग का प्रयोग करते हैं तो बैंक खाते से जुड़ी सूचनाएं और जब ऑनलाइन आयकर रिटर्न भरते हैं तो आपका मोबाइल नंबर, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासवर्ड आदि तमाम सूचनाएं और सर्चिंग गतिविधियां वेबसाइट के अलावा ब्राउजर में भी संचित हो जाती हैं। अगली बार जब आप वही जानकारी किसी और फॉर्म में भरते हैं, या इंटरनेट पर कुछ सर्च करते हैं तो ब्राउजर आपको अपने पास संचित जानकारियां दिखाने लगता है। इससे यह सुविधा होती है कि आपको पूरा ब्योरा दोबारा टाइप नहीं करना पड़ता। ब्राउजर के इस फीचर को ऑटो-फिल फीचर कहते हैं। चूंकि ब्राउजर में संचित ये सूचनाएं नितांत व्यक्तिगत और महत्वपूर्ण होती हैं, इसलिए यदि किसी ने इसे हैक किया तो आपकी गोपनीय सूचनाएं सार्वजनिक हो सकती हैं। ब्राउजर की सुरक्षा में कमियों के कारण ये सूचनाएं डार्क वेब पर पहुंचा दी जाती हैं, जहां से यह अपराधियों के हाथों में पहुंच जाती हैं। इसके बाद आपके साथ क्या-क्या हो सकता है, इसका अनुमान लगाते रहिए।
Esta historia es de la edición 05 February 2023 de Panchjanya.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición 05 February 2023 de Panchjanya.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता
रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे
शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!
वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !
कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे
फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है
होली का रंग तो बनारस में जमता था
होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश
आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है
नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
त्रिपुरा और नागालैंड की जनता ने शांति, विकास और सुशासन के भाजपा के तरीके पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई है। मेघालय में भी भाजपा समर्थित सरकार बनने के पूरे आसार। कांग्रेस और वामदल मिलकर लड़े, लेकिन बुरी तरह परास्त हुए और त्रिपुरा में पैर पसारने की कोशिश करने वाली तृणमूल कांग्रेस को शून्य से संतुष्ट होना पड़ा
जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
कोल्हापुर स्थित श्रीक्षेत्र सिद्धगिरि मठ में आयोजित पंचमहाभूत लोकोत्सव का समापन 26 फरवरी को हुआ। इस सात दिवसीय लोकोत्सव में लगभग 35,00,000 लोग शामिल हुए। इन लोगों को पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया गया
नाकाम किए मिशनरी
भारत के इतिहास में पहली बार बंजारा समाज का महाकुंभ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गोद्री ग्राम में संपन्न हुआ। इससे पहली बार भारत और विश्व को बंजारा समाज, संस्कृति एवं इतिहास के दर्शन हुए। एक हजार से भी ज्यादा संतों और 15 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। इससे बंजारा समाज को हिन्दुओं से अलग करने और कन्वर्ट करने की मिशनरियों की साजिश नाकाम हो गई