प्रगति पश्चिमीकरण नहीं : जयशंकर
Panchjanya|February 26, 2023
फिजी के नादी में भारत और फिजी सरकार के संयुक्त तत्वावधान में संपन 12वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि औपनिवेशिक युग के दौरान दबा दी गई भाषाएं अब वैश्विक मंच पर आवाज उठा रही हैं। अब सांस्कृतिक पुनर्संतुलन आवश्यक है
प्रगति पश्चिमीकरण नहीं : जयशंकर

फिजी के नादी में 12वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में दुनिया भर से हिन्दी सेवी जुड़े। इसका उद्घाटन करते हुए भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि ऐसे आयोजनों में हमारा ध्यान हिन्दी भाषा के विभिन्न पहलुओं, उसके वैश्विक प्रयोग और उसके प्रचार-प्रसार पर है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन विश्व में हिन्दी को सम्मान दिलाने का उपक्रम है। सम्मेलन का आयोजन नादी में करने पर प्रसन्नता जताते हुए डॉ. जयशंकर ने कहा कि यह हमारे दीर्घकालिक संबंधों को आगे बढ़ाने का भी अवसर है।

डॉ. जयशंकर ने कहा कि हम में से कई लोग विदेशी परिवेश से जुड़े हुए हैं और आगे भी रहेंगे और हो सकता है, वहां घर भी बसाएं। ऐसे में यह जरूरी है कि उन लोगों की पहचान और विरासत पर ध्यान दें, जो अपनी मूल संस्कृति से दूर हैं और इन मुद्दों को बल देने के लिए भाषा को केंद्रित करना एक प्रभावी तरीका है। उन्होंने कहा कि वह युग पीछे छूट गया है, जब प्रगति को पश्चिमीकरण के समान माना जाता था। ऐसी कई भाषाएं, परंपराएं, जो औपनिवेशिक युग के दौरान दबा दी गई थीं, फिर से वैश्विक मंच पर आवाज उठा रही हैं। ऐसे में आवश्यक है कि विश्व को सभी संस्कृतियों और समाजों के बारे में जानकारी हो। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक पुनसंर्तुलन आवश्यक है। इसी दिशा में फिजी सरल प्रवासन का ज्वलंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि एक नए भारत का निर्माण हो रहा है जो बड़े से बड़े कार्य को पूर्ण करने में सक्षम है। यह 12वां विश्व हिन्दी सम्मेलन सांस्कृतिक सेतु है। 

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