राशि और आँखें
Jyotish Sagar|November 2022
धनु राशि की आँखों में दृढ़ आत्मविश्वास की झलक देखने को मिलती है। इन लोगों से बहुत देर तक आँखों में आँखें डालकर बात करना मुश्किल होता है, क्योंकि इनका आत्मविश्वास प्राय: सामने वाले के विश्वास को डिगा देता है।
रेखा कल्पदेव
राशि और आँखें

आँखों की सुन्दरता अथवा कुरूपता ग्रहों की देन होती है। आँखें कुरूप नहीं होतीं, अपितु उसमें प्रदर्शित होने वाले भाव अथवा दृष्टि ही उन्हें सुन्दरता या कुरूपता का दर्जा सामने वाले से दिलाते हैं। प्रस्तुत आलेख में हम विभिन्न राशि के व्यक्तियों की आँखों की चर्चा करेंगे और इनके माध्यम से यह बताने का प्रयास करेंगे कि ग्रह आपकी आँखों के माध्यम से क्या कह रहे हैं?

मेष राशि और आँखें

मेष राशि का स्वामी मंगल होता है और इस राशि के व्यक्ति की आँखों में सेनापति की पकड़ मजबूती से बनी होती है अर्थात् ये सामने वाले के भाव और चेहरे को बखूबी पढ़ लेते हैं और केवल इनकी दृष्टि ही शत्रु को परास्त करने में सफल होती है। तल्ख दृष्टि, रौबदार आँखें पर्याप्त हैं किसी को यह अहसास कराने के लिए कि तुम्हारी फलाँ-फलाँ बात से न तो हम सहमत हैं और न ही हमें पसन्द आयी है। इसलिए प्रतिक्रिया भी तीव्र आती है और पर्याप्त होती है किसी की एक विशेष गतिविधि को रोकने के लिए। सम्भव है कि यदि मेरी दृष्टि से देखा जाए, तो यह सुन्दरता है कि अनुशासन बना रहे, परन्तु सामने वाले की दृष्टि में यही एक कुरूपता का रूप ले ले और मेरे विषय में यह प्रचलित हो जाए कि आँखें कितनी भयानक हैं। मंगल की अग्नि मेरे स्वभाव में है और आँखों के माध्यम से व्यक्त भी हो रही है, अतः हमें यह बात ध्यान में रखनी होगी कि सौन्दर्य इसमें नहीं कि हम उसे किस दृष्टि से देख रहे हैं, अपितु सौन्दर्य वह है जो सामने वाला हमारे प्रति महसूस कर रहा है या जो सच है।

वृषभ राशि और आँखें

एक ठोस व्यक्तित्व के साथ धीर-गम्भीर स्वभाव और वही आँखों से टपकता हुआ दिखाई देता है। जो स्नेह दे। उसके लिए अपना जीवन निकालकर दे दो। इसके लिए जुबान की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि आँखों से वृषभ राशि वाले अहसास करा देते हैं। इसके विपरीत यदि करुणा अथवा स्नेह का भाव खत्म हो, तो यही आँखें कठोरता की प्रतिमूर्ति बन जाती हैं। यह अनुमान लगाना कठिन हो जाता है कि किस पल ये आँखें क्या कह जाएँगी? क्या इनसे सौन्दर्य छलकेगा अथवा वह कठोरता छलकेगी, जो अड़ियल रवैये को अपनाकर अपनी बात मनवा लेगी और कठोरता का परिचय अनकहे ही दे जाएगी।

मिथुन राशि और आँखें

Esta historia es de la edición November 2022 de Jyotish Sagar.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición November 2022 de Jyotish Sagar.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE JYOTISH SAGARVer todo
केकड़ी के अष्टमुखी शिवलिंग
Jyotish Sagar

केकड़ी के अष्टमुखी शिवलिंग

शिवलिंग का वृत्ताकार ऊर्ध्वभाग ब्रह्माण्ड का द्योतक माना जाता है। इस मन्दिर में पशुपतिनाथ के साथ उनके परिवार (शिव परिवार) की सुन्दर एवं वृहद् प्रतिमाओं को भी स्थापित किया गया है।

time-read
2 minutos  |
February 2025
मिथुन लग्न के नवम भाव में स्थित - गुरु एवं शुक्र के फल
Jyotish Sagar

मिथुन लग्न के नवम भाव में स्थित - गुरु एवं शुक्र के फल

प्रस्तुत लेखमाला \"कैसे करें सटीक फलादेश?\" के अन्तर्गत मिथुन लग्न के नवम भाव में स्थित सूर्यादि नवग्रहों के फलों का विवेचन किया जा रहा है, जिसमें अभी तक सूर्य से बुध तक के फलों का विवेचन किया जा चुका है। उसी क्रम में प्रस्तुत आलेख में गुरु एवं शुक्र के नवम भाव में राशिगत, भावगत, नक्षत्रगत, युतिजन्य व दृष्टिजन्य फलों का विवेचन कर रहे हैं।

time-read
3 minutos  |
February 2025
उत्तर दिशा का महत्त्व और उसके गुण-दोष
Jyotish Sagar

उत्तर दिशा का महत्त्व और उसके गुण-दोष

उत्तर दिशा के ऊँचा होने या उत्तर दिशा में किसी भी प्रकार का वजन होने पर अथवा वहाँ पर पृथ्वी तत्त्व आने पर जलतत्त्व की खराबी हो जाती है।

time-read
4 minutos  |
February 2025
इतिहास के झरोखे से प्रयागराज महाकुम्भ
Jyotish Sagar

इतिहास के झरोखे से प्रयागराज महाकुम्भ

इटली का निकोलाई मनुची 1656 से 1717 में अपनी मृत्यु पर्यन्त भारत में ही रहा और मुगलों सहित विभिन्न सेनाओं में सेनानायक के रूप में रहा।

time-read
2 minutos  |
February 2025
'कश्मीर' पूर्व में था 'कश्यपमीर'!
Jyotish Sagar

'कश्मीर' पूर्व में था 'कश्यपमीर'!

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में दिल्ली में एक किताब के विमोचन कार्यक्रम में कहा था कि 'कश्मीर' को 'कश्यप की भूमि' के नाम से जाना जाता है।

time-read
5 minutos  |
February 2025
क्यों सफल नहीं हो पा रही है गुजरात की 'गिफ्ट सिटी' एक वास्तु विश्लेषण
Jyotish Sagar

क्यों सफल नहीं हो पा रही है गुजरात की 'गिफ्ट सिटी' एक वास्तु विश्लेषण

गिफ्ट सिटी की प्लानिंग इस प्रकार की गई है कि साबरमती नदी इसकी पश्चिम दिशा में है। यदि इसके विपरीत गिफ्ट सिटी की प्लानिंग साबरमती नदी के दूसरी ओर की गई होती, तो गिफ्ट सिटी की पूर्व दिशा में आ जाती।

time-read
5 minutos  |
February 2025
त्रिक भाव रहस्य - षष्ठ भाव और अभिवृद्धि
Jyotish Sagar

त्रिक भाव रहस्य - षष्ठ भाव और अभिवृद्धि

षष्ठ भाव एक ओर तो हमें विभिन्न प्रकार के रोगों और शत्रुओं से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है, वहीं दूसरी ओर ऋण अर्थात् कर्ज के लेन-देन के विषय में ताकतवर बनाता है।

time-read
7 minutos  |
February 2025
लोककल्याणकारी देवता शिव
Jyotish Sagar

लोककल्याणकारी देवता शिव

देवाधिदेव शिव लोककल्याणकारी देवता हैं। शिव अनादि एवं अनन्त हैं। शिव शक्ति का ही आदिरूप त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश में शिव को जहाँ संहार देवता माना है, वहाँ उनका आशुतोष रूप है अर्थात् शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव।

time-read
3 minutos  |
February 2025
प्रयागराज महाकुम्भ का शुभारम्भ - रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने किया संगम स्नान
Jyotish Sagar

प्रयागराज महाकुम्भ का शुभारम्भ - रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं ने किया संगम स्नान

प्रयागराज महाकुम्भ, 2025 ने 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को अपने शुभारम्भ से ही एक नए इतिहास की रचना की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। यह महाकुम्भ अपने प्रत्येक आयोजन में नया इतिहास रचता है।

time-read
6 minutos  |
February 2025
रात्रि जागरण एवं चार प्रहर पूजा - 26 फरवरी, 2025 (बुधवार)
Jyotish Sagar

रात्रि जागरण एवं चार प्रहर पूजा - 26 फरवरी, 2025 (बुधवार)

नकेवल शैव धर्मावलम्बियों के लिए, वरन् समस्त सनातनधर्मियों के लिए 'महाशिवरात्रि' एक बड़ा पर्व है। इस पर्व के तीन स्तम्भ हैं: 1. उपवास, 2. रात्रि जागरण, 3. भगवान् शिव का पूजन एवं अभिषेक।

time-read
1 min  |
February 2025