आशुतोष भगवान् शिव की भारत के अलावा विश्व के अन्य देशों में भी पूजा होती है। भारत में जहाँ श्री रामेश्वरम्, काशी विश्वनाथ आदि प्रमुख श्री शिवस्थल हैं, वहीं कश्मीर प्रान्त में लगभग 14,000 फुट की ऊँचाई पर स्थित भगवान् शिव तथा पार्वती की पावन अमर कथा का महत्त्वपूर्ण संवाद केन्द्र श्री अमरनाथ जी के नाम से विश्वविख्यात है।
प्रत्येक वर्ष श्रावण माह में पहलगाम की घाटी में तीर्थ यात्रियों का सागर उमड़ता है। युग बीत गए, लेकिन आज भी सब कुछ वैसा ही है। आज भी अमरनाथ हमारे देश का शिरोमणि तीर्थ है। पुराणों में अमरनाथ यात्रा का प्रचलन वर्णित है और इसे ईसा से 1000 वर्ष पूर्व का माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार अमरनाथ की गुफा में बैठकर भगवान् शिव ने माता पार्वती को अमरकथा सुनाई थी।
अमरनाथ के लिए एक धार्मिक मान्यता यह भी है कि यहाँ पर शंकर भगवान् ने मृत्यु पर विजय और आत्मज्ञान की प्राप्ति के लिए आराधना की थी। एक गड़रिए को बकरी चराते समय इस गुफा का पता चला था। उस मुसलमान गड़रिए के उत्तराधिकारी जो पहलगाम में रहते हैं, अभी भी चढ़ावे का चौथाई भाग लेते हैं।
अमरनाथ यात्रा का पहला पड़ाव पहलगाम पर रुकता है। जहाँ यात्री जम्मू से बसों तथा अपने निजी वाहनों द्वारा पहुँचते हैं। यहाँ पर बस मार्ग समाप्त हो जाता है और आगे का मार्ग यात्री पैदल या घोड़ों पर बैठकर तय करते हैं। आजकल पहलगाम से चन्दनबाड़ी तक लोग टैक्सी का सहारा भी ले लेते हैं। पहलगाम से अमरनाथ की गुफा 48 किलोमीटर दर है। पहलगाम दग्ध गंगा के किनारे एक रमणीक स्थान है। देवदार वृक्षों से घने वन और हरेभरे खेत यात्रियों को बहुत आकृष्ट करते हैं। यहाँ से यात्री गर्म कपड़े, जूते, छड़ी तथा पाँच दिन के लिए यात्रा में काम आने वाले पदार्थ खरीदते हैं। घोड़े किराये पर लेते हैं। पड़ावों पर रात बिताने के लिए तम्बू भी साथ रखे जाते हैं। वैसे तो इन दिनों प्रशासन द्वारा भी यात्रियों के द्वारा भुगतान किए जाने पर तम्बू आदि में रहने के स्थान की व्यवस्था सुलभ होती है।
Esta historia es de la edición August 2023 de Jyotish Sagar.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición August 2023 de Jyotish Sagar.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
सात धामों में श्रेष्ठ है तीर्थराज गयाजी
गया हिन्दुओं का पवित्र और प्रधान तीर्थ है। मान्यता है कि यहाँ श्रद्धा और पिण्डदान करने से पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है, क्योंकि यह सात धामों में से एक धाम है। गया में सभी जगह तीर्थ विराजमान हैं।
सत्साहित्य के पुरोधा हनुमान प्रसाद पोद्दार
प्रसिद्ध धार्मिक सचित्र पत्रिका ‘कल्याण’ एवं ‘गीताप्रेस, गोरखपुर के सत्साहित्य से शायद ही कोई हिन्दू अपरिचित होगा। इस सत्साहित्य के प्रचारप्रसार के मुख्य कर्ता-धर्ता थे श्री हनुमान प्रसाद जी पोद्दार, जिन्हें 'भाई जी' के नाम से भी सम्बोधित किया जाता रहा है।
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर अमृत गीत तुम रचो कलानिधि
राष्ट्रकवि स्व. रामधारी सिंह दिनकर को आमतौर पर एक प्रखर राष्ट्रवादी और ओजस्वी कवि के रूप में माना जाता है, लेकिन वस्तुतः दिनकर का व्यक्तित्व बहुआयामी था। कवि के अतिरिक्त वह एक यशस्वी गद्यकार, निर्लिप्त समीक्षक, मौलिक चिन्तक, श्रेष्ठ दार्शनिक, सौम्य विचारक और सबसे बढ़कर बहुत ही संवेदनशील इन्सान भी थे।
सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना
जो मनुष्य मेरे द्वारा स्थापित किए हुए इन रामेश्वर जी के दर्शन करेंगे, वे शरीर छोड़कर मेरे लोक को जाएँगे और जो गंगाजल लाकर इन पर चढ़ाएगा, वह मनुष्य तायुज्य मुक्ति पाएगा अर्थात् मेरे साथ एक हो जाएगा।
वागड़ की स्थापत्य कला में नृत्य-गणपति
प्राचीन काल से ही भारतीय शिक्षा कर्म का क्षेत्र बहुत विस्तृत रहा है। भारतीय शिक्षा में कला की शिक्षा का अपना ही महत्त्व शुक्राचार्य के अनुसार ही कलाओं के भिन्न-भिन्न नाम ही नहीं, अपितु केवल लक्षण ही कहे जा सकते हैं, क्योंकि क्रिया के पार्थक्य से ही कलाओं में भेद होता है। जैसे नृत्य कला को हाव-भाव आदि के साथ ‘गति नृत्य' भी कहा जाता है। नृत्य कला में करण, अंगहार, विभाव, भाव एवं रसों की अभिव्यक्ति की जाती है।
व्यावसायिक वास्तु के अनुसार शोरूम और दूकानें कैसी होनी चाहिए?
ऑफिस के एकदम कॉर्नर का दरवाजा हमेशा बिजनेस में नुकसान देता है। ऐसे ऑफिस में जो वर्कर काम करते हैं, तो उनको स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियाँ आती हैं।
श्रीगणेश नाम रहस्य
हिन्दुओं के पंच परमेश्वर में भगवान् गणेश का स्थान प्रथम माना जाता है। शंकराचार्य जी ने के भी पंचायतन पूजा में गणेश पूजन विधान का उल्लेख किया है। गणेश से तात्पर्य गण + ईश अर्थात् गणों का ईश से है। भगवान् गणेश को कई अन्य नामों से भी पूजा जाता है जैसे विघ्न विनाशक, विनायक, लम्बोदर, सिद्धि विनायक आदि।
प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक 'श्रीराधा'
कृष्ण चरित के प्रतिनिधि शास्त्र भागवत और महाभारत में राधा का उल्लेख नहीं होने के बावजूद वे लोकमानस में प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक के रूप में बसी हुई हैं। सन्त महात्माओं ने उन्हें कृष्णचरित का अभिन्न अंग माना है। उनकी मान्यता है कि प्रेम और भक्ति की जैसे कोई सीमा नहीं है, उसी तरह राधा का चरित, उनकी लीला और स्वरूप भी प्रेमाभक्ति का चरमोत्कर्ष है।
राजस्थान के लोकदेवता और समाज सुधारक बाबा रामदेव
राजस्थान के देवी-देवताओं में बाबा रामदेव का नाम काफी विख्यात है। इनके अनुयायी राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और सिन्ध (पाकिस्तान) आदि में बड़ी संख्या में हैं।
जन्मपत्रिका में चन्द्रमा और मनुष्य का भावनात्मक जुड़ाव
जिस प्रकार लग्न हमारा शरीर अर्थात् बाहरी व्यक्तित्व है, उसी प्रकार चन्द्रमा हमारा सूक्ष्म व्यक्तित्व है, जो किसी को भी दिखाई नहीं देता, लेकिन महसूस अवश्य होता है।