लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर यह कालखंड एक जीवन-यात्रा जैसा है। हमारे वरिष्ठ नागरिकों ने अपने जीवनकाल में अद्भुत परिवर्तन देखे हैं। वे गवाह हैं कि कैसे आजादी के बाद सभी पीढ़ियों ने कड़ी मेहनत की, विशाल चुनौतियों का सामना किया और स्वय अपनो भाग्य-विधाता बने। इस दौर में हमने जो कुछ सीखा है, वह सब उपयोगी साबित होगा, क्योंकि हम राष्ट्र की यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव की ओर आगे बढ़ रहे हैं। हम सब २०४७ में स्वाधीनता के शताब्दी उत्सव तक की २५ वर्ष की अवधि यानी भारत के अमृतकाल में प्रवेश कर चुके हैं।
हमारे स्वाधीनता संग्राम ने एक राष्ट्र के तौर पर भारत की नई यात्रा की रूपरेखा तैयार की थी। हमारा स्वाधीनता संग्राम उन संघर्षों और बलिदानों की अविरल धारा था, जिसने आजाद भारत के लिए कितने ही आदर्शों और सम्भावनाओं को सींचा था। पूज्य बापू ने हमें स्वराज, स्वदेशी, स्वच्छता और सत्याग्रह द्वारा भारत के सांस्कृतिक आदर्शों की स्थापना का मार्ग दिखाया। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस, सरदार पटेल, बाबा साहेब आम्बेडकर, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चन्द्रशेखर आजाद जैसे अनगिनत स्वाधीनता सेनानियों ने हमें राष्ट्र के स्वाभिमान को सर्वोपरि रखने की शिक्षा दी। रानी लक्ष्मीबाई, रानी वेलु नचियार, रानी गाइदिन्ल्यू और रानी चेन्नम्मा जैसी अनेकों वीरांगनाओं ने राष्ट्ररक्षा और राष्ट्रनिर्माण में नारीशक्ति की भूमिका को नई ऊँचाई दी। संथाल क्रान्ति, पाइका क्रान्ति से लेकर कोल क्रान्ति और भील क्रान्ति ने स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय ( आदिवासी) योगदान को और सशक्त किया। सामाजिक उत्थान एवं देश-प्रेम के लिए 'धरती आबा' भगवान बिरसा मुंडाजी के बलिदान से हमें प्रेरणा मिली।
हमारे पास जो कुछ भी है वह हमारी मातृभूमि का दिया हुआ है। इसलिए हमें अपने देश की सुरक्षा, प्रगति और समृद्धि के लिए अपना सब कुछ अर्पण कर देने का संकल्प लेना चाहिए। हमारे अस्तित्व की सार्थकता एक महान भारत के निर्माण में ही दिखाई देगी। कन्नड़ भाषा के माध्यम से भारतीय साहित्य को समृद्ध करनेवाले महान कवि 'कुवेम्पु' ने कहा है :
नानु अलिवे, नीनु अलिवे
नम्मा एलु - बुगल मेले
मूडु-बुदु मूडु-बुदु
नवभारत - द लीले।
अर्थात्
“मैं नहीं रहूँगा
न रहोगे तुम
परन्तु हमारी अस्थियों पर
Esta historia es de la edición Kendra Bharati - June 2023 de Kendra Bharati - केन्द्र भारती.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición Kendra Bharati - June 2023 de Kendra Bharati - केन्द्र भारती.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
प्रेमकृष्ण खन्ना
स्थानिक विभूतियों की कथा - २५
स्वस्थ विश्व का आधार बना 'मिलेट्स'
मिलेट्स यानी मोटा अनाज। यह हमारे स्वास्थ्य, खेतों की मिट्टी, पर्यावरण और आर्थिक समृद्धि में कितना योगदान कर सकता है, इसे इटली के रोम में खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्यालय में मोटे अनाजों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष (आईवाईओएम) के शुभारम्भ समारोह के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी के इस सन्देश से समझा जा सकता है :
जब प्राणों पर बन आयी
एक नदी के किनारे एक पेड़ था। उस पेड़ पर बन्दर रहा करते थे।
देव और असुर
बहुत पहले की बात है। तब देवता और असुर इस पृथ्वी पर आते-जाते थे।
हर्षित हो गयी वानर सेना
श्री हनुमत कथा-२१
पण्डित चन्द्र शेखर आजाद
क्रान्तिकारियों को एकजुट कर अंग्रेजी शासन की जड़ें हिलानेवाले अद्भुत योद्धा
भारत राष्ट्र के जीवन में नया अध्याय
भारत के त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह हर किसी को अभिभूत करनेवाला था।
समान नागरिक संहिता समय की मांग
विगत दिनों से समान नागरिक संहिता का विषय निरन्तर चर्चा में चल रहा है। यदि इस विषय पर अब भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इसके गम्भीर परिणाम आनेवाली सन्तति और देश को भुगतना पड़ सकता है।
शिक्षा और स्वामी विवेकानन्द
\"यदि गरीब लड़का शिक्षा के मन्दिर न आ सके तो शिक्षा को ही उसके पास जाना चाहिए।\"
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक
२३ जुलाई, जयन्ती पर विशेष