अगर आप इंटरनेट पर भारत के भूतिया गांव की सूचि खंगाल रहे हैं तो उस सूचि में सबसे ऊपर जैसलमेर के कुलधरा का नाम होगा। जैसलमेर से करीब 18 किलोमीटर दूर कुलधरा गांव एक समय भूतिया गांव के लिए जाना जाता था, लेकिन अब इस गांव में पर्यटकों की चहल-पहल रहती है। हालांकि दिन ढलने के बाद आज भी यहां कोई नहीं रुकता।
आखिर क्या है कुलधरा का इतिहास
इस समर हॉलिडे में कुछ एडवेंचर से भरा हुआ देखना है तो कुलधरा एक अच्छा ऑप्शन है। कुलधरा के इतिहास की बात करें, तो ये गांव कार्क नदी के किनारे 1300 साल पहले बसा था। साल 1291 में पाली जिले से ब्राह्मणों के कई परिवार पलायन कर जैसलमेर आए थे। पाली से आने के कारण यहां के ब्राह्मण 'पालीवाल ब्राह्मण' कहलाने लगे। जैसलमेर के 45 किलोमीटर के इस क्षेत्र में ब्राह्मणों के 84 गांव बस गए। सबसे ज्यादा लोग कुलधरा गांव में आकर बसे। नदी के किनारे होने के कारण यहां करीब 600 घरों को बसाया गया था। ये ब्राह्मण धन और संपत्ति से सम्पन्न थे।
बॉलीवुड की पसंदीदा जगह
कुलधरा पर्यटकों के लिए ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड की भी पसंदीदा जगह है। यहां स्टार अजय देवगन की फिल्म 'कच्चे धागे', सैफ अली खान की फिल्म 'एजेंट विनोद' सहित कई फिल्मों की शूटिंग हुई है। यहां साउथ की फिल्मों की भी शूटिंग होती रहती है। बॉलीवुड निर्देशक अपनी फिल्मी कहानी में वीरान गांव या भूतिया गांव दिखाने के लिए कुलधरा गांव की ओर खिंचे चले आते हैं।
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