औरत ही नहीं सहती तलाक की पीडा
Grihshobha - Hindi|January First 2023
घुटन और यातना से भरी जिंदगी को ठोकर मार कर जब एक औरत तलाक लेती है, तो फिर पुरुष यह मानने को तैयार क्यों नहीं होता कि उस की पत्नी ने उसे नकार दिया है...
सुनीता शर्मा
औरत ही नहीं सहती तलाक की पीडा

दलते सामाजिक मानदंडों के साथ ही आज वैवाहिक जीवन के पवित्र मूल्यों में भी कमी आई है. यही कारण है कि पिछले एक दशक में तलाकों की संख्या में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी हुई है.

कुछ दशकों पहले तलाक लेने की पहल व हिम्मत सिर्फ पुरुष वर्ग ही रखता था, परंतु आज के इस नारी क्रांति कहे जाने वाले युग में महिलाएं भी तलाक के लिए पहल करने की हिम्मत रखने लगी हैं. आज की आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर, स्वतंत्र विचारों वाली, जागरूक नारी, पति की जायजनाजायज मांगों के आगे झुकने को कतई तैयार नहीं.

यही कारण है कि सड़ती हुई शादी और गलते हुए रिश्तों की बदबूदार घुटन से बाहर निकल कर खुले आसमान में सांस लेने की हिम्मत कर वह खुद ही अलग रहने का फैसला कर लेती है. आज की नारी अपने व्यक्तित्व को निखार कर अपना वजूद कायम करना चाहती है.

जिस तरह शादी के बंधन में बंध कर 2 शरीर, 2 जिंदगियों का मिलन हो जाता है और उन के सुख, दुख आपस में बंट जाते हैं, उसी प्रकार तलाकरूपी इस त्रासदी का कुप्रभाव भी दोनों पर बराबर ही पड़ता है.

आमतौर पर तलाकशुदा महिला के आंसुओं के चर्चे काफी दिनों तक लोगों की जबान पर रहते हैं, पर पुरुषों को भीतर ही भीतर सिसकते हुए शायद ही किसी ने देखा हो. महिला जहां चाहेगी वहां अपने ऊपर हुए अत्याचारों का जिक्र कर सहानभुति हासिल करने में कामयाब रहेगी, जबकि पुरुष इन आंसुओं को पीने की कोशिश में खुद को और अधिक समेट लेता है. उस के लिए यह स्वीकार करना आसान नहीं होता कि उस की पत्नी ने उसे नकार दिया है, न सिर्फ नकारा है बल्कि अपनी जिंदगी से बेदखल भी कर दिया है.

तलाक के बाद पहले 6 महीने

एक मनोवैज्ञानिक के अनुसार, “यदि पत्नी तलाक ले, ऐसे में पति के अंह को ठेस लगती है. चाहे पुरुष कितना ही दंभी तथा जिद्दी क्यों न हो, यदि वह जरा सा भी संवेदनशील है तो उस के लिए तलाक के बाद के पहले 6 महीने अत्यधिक कष्टकारी हो जाते हैं."

Esta historia es de la edición January First 2023 de Grihshobha - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición January First 2023 de Grihshobha - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE GRIHSHOBHA - HINDIVer todo
गोवा एडवेंचर के साथ मस्ती
Grihshobha - Hindi

गोवा एडवेंचर के साथ मस्ती

शादी बाद हनीमून मनाने जा रहे हों या फिर छुट्टियां बिताने, गोवा एक मजेदार डैस्टिनेशन है.....

time-read
6 minutos  |
February First 2025
कपल्स रोमांस है तो चांस है
Grihshobha - Hindi

कपल्स रोमांस है तो चांस है

रिश्तों की डोर टूटे नहीं और जिंदगी में सिर्फ प्यार ही प्यार हो, इस के लिए क्या करें....

time-read
3 minutos  |
February First 2025
होम लोन लेने से पहले
Grihshobha - Hindi

होम लोन लेने से पहले

अगर आप भी होम लोन लेने की सोच रहे हैं, तो उस से पहले यह जानना आप के लिए जरूरी होगा...

time-read
3 minutos  |
February First 2025
युवतियों की फाइनैंशियल फ्रीडम
Grihshobha - Hindi

युवतियों की फाइनैंशियल फ्रीडम

पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम पैसे इनवेस्ट करती हैं. मगर इसके पीछे की वजह को जानना और सफल इनवेस्टर बनना कितना जरूरी है, क्या जानना नहीं चाहेंगे....

time-read
10+ minutos  |
February First 2025
7 टिप्स रूठों को मनाने के
Grihshobha - Hindi

7 टिप्स रूठों को मनाने के

रिश्तों में नाराजगी दूर करने के ये टिप्स आप के काम आएंगे....

time-read
2 minutos  |
February First 2025
बिखरे रिश्तों को समेटती डैस्टिनेशन वैडिंग
Grihshobha - Hindi

बिखरे रिश्तों को समेटती डैस्टिनेशन वैडिंग

आज के समय लोग क्यों डैस्टिनेशन वैडिंग को पसंद कर रहे हैं, एक बार जरूर जानिए....

time-read
3 minutos  |
February First 2025
बिना शौपिंग पाएं नया लुक
Grihshobha - Hindi

बिना शौपिंग पाएं नया लुक

घर बैठे अपने लुक में किस तरह बदलाव लाएं, यह हम आप को बताते हैं....

time-read
4 minutos  |
February First 2025
ईवनिंग स्नैक्स
Grihshobha - Hindi

ईवनिंग स्नैक्स

शाम के स्नैक रेसिपीज

time-read
4 minutos  |
February First 2025
फायदेमंद है गोल्ड में इनवैस्ट
Grihshobha - Hindi

फायदेमंद है गोल्ड में इनवैस्ट

सोने में निवेश लाभ देता है या हानि, यहां जानिए...

time-read
3 minutos  |
February First 2025
लाइफस्टाइल बदलना तो बनता है
Grihshobha - Hindi

लाइफस्टाइल बदलना तो बनता है

नए लाइफस्टाइल का करें स्वागत और तनाव को कहें बायबाय...

time-read
3 minutos  |
February First 2025