धर्म आदमी तो बस मुहरा है
Grihshobha - Hindi|April First 2023
धर्म की राजनीति की बिसात पर एक आदमी को किस तरह मुहरा बना कर इस्तेमाल किया जाता है, जान कर हैरान रह जाएंगे आप...
सावित्री रानी
धर्म आदमी तो बस मुहरा है

धर्म हो या राजनीति, दोनों ही विषय अपने आप में इतनी विशालता लिए हुए हैं कि एक आम आदमी अपने जीवनकाल में इन में से किसी एक से ही पार पा ले तो गनीमत है. लेकिन आलम यह है कि न धर्म को छोड़ पाता है न राजनीति से बच पाता है. दोनों से जूझता है और हर पल टूटता है.

यदि बात धर्म की की जाए तो आज के समाज में यह सिर्फ देवीदेवताओं की आराधना तक ही सीमित नहीं है, वह जुड़ चुका है धर्म के उन ठेकेदारों से, जो धर्म का बिजनैस करते हैं, धर्म का धंधा करते हैं. हमारे समाज में घासपात की तरह हर गलीमोहल्ले में उगने वाले छोटेमोटे पोंगेपंडितों से ले कर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक फैले बाबा और गुरु ही आज डिसाइड करते हैं कि धर्म क्या है और आगे क्या होगा?

आप खुद ही सोचिए कि किसी बाबा के सम्मेलन में लाखों की तादाद में लोग जमा होते हैं और अपनी मेहनत की कमाई को लुटा बैठते हैं. अपना कीमती वक्त और बेशकीमती विश्वास उन्हें सौंपते हैं. जिन का नाम ले कर हजारों लोग रोज अपना दिन शुरू करते हैं, फ्लाइट पकड़ते हैं और यह सोच कर निश्चित रहते हैं कि बाबा हैं न. उन के साथ कुछ गलत नहीं होने देंगे. वही बाबा जब अपनी और अपने परिवार की भी रक्षा नहीं कर पाते तो क्या होता है उस विश्वास का? कैसे समझाते हैं ये लोग खुद को? 

ऐसी घटनाएं सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि क्या हजारोंलाखों लोगों की श्रद्धा इतनी अंधी है कि कुछ भी देखनासमझना नहीं चाहती? या क्या इस के पीछे महज श्रद्धा काम करती है? क्या सब लोग श्रद्धा के वशीभूत ही वहां पहुंचते हैं? 

यदि नहीं तो फिर वह क्या चीज है, कैसी सोच है, कैसी भावना है जो इतने सारे लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या और सीमित आय में भी उन का हिस्सा रखते हैं?

फंस तो गए

श्रद्धा का तो पता नहीं, लेकिन ज्यादातर लोग एकजैसी मानसिक स्थिति में वहां जरूर होते हैं. उन की सोचनेसमझने की शक्ति पर अटैक ही उन का पहला धर्म होता है, फिर बाकी काम आसान हो जाता है.

कमैटी डालने वाले लोग, पौलिसी बेचने वाले दलाल वगैरह लोगों के लिए यह स्थिति परफैक्ट रैसिपी सिद्ध होती है. ऐसे स्थानों पर अपनी दाल पकाने वालों को अपनी फसल उगाने वालों को यहां पर्याप्त मात्रा में उपजाऊ भूमि मिल जाती है.

Esta historia es de la edición April First 2023 de Grihshobha - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición April First 2023 de Grihshobha - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE GRIHSHOBHA - HINDIVer todo
पेट है अलमारी नहीं
Grihshobha - Hindi

पेट है अलमारी नहीं

फ्री का खाना और टेस्ट के चक्कर में पेटू बनने की आदत आप को कितना नुकसान पहुंचा सकती है, क्या जानना नहीं चाहेंगे...

time-read
5 minutos  |
November First 2024
इंटीमेट सीन्स में मिस्ट्री जरूरी..अपेक्षा पोरवाल
Grihshobha - Hindi

इंटीमेट सीन्स में मिस्ट्री जरूरी..अपेक्षा पोरवाल

खूबसूरती और अदाकारी से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली अपेक्षा का मिस इंडिया दिल्ली से बौलीवुड तक का सफर कैसा रहा, जानिए खुद उन्हीं से...

time-read
4 minutos  |
November First 2024
टैंड में पौपुलर ब्रालेट
Grihshobha - Hindi

टैंड में पौपुलर ब्रालेट

जानिए ब्रालेट और ब्रा में क्या अंतर है...

time-read
3 minutos  |
November First 2024
रैडी टु ईट से बनाएं मजेदार व्यंजन
Grihshobha - Hindi

रैडी टु ईट से बनाएं मजेदार व्यंजन

झटपट खाना कैसे बनाएं कि खाने वाले देखते रह जाएं...

time-read
4 minutos  |
November First 2024
संभल कर करें औनलाइन लव
Grihshobha - Hindi

संभल कर करें औनलाइन लव

कहते हैं प्यार अंधा होता है, मगर यह भी न हो कि आप को सिर्फ धोखा ही मिले...

time-read
2 minutos  |
November First 2024
बौलीवुड का लिव इन वाला लव
Grihshobha - Hindi

बौलीवुड का लिव इन वाला लव

लिव इन में रहने के क्या फायदेनुकसान हैं, इस रिलेशनशिप में रहने का फायदा लड़कों को ज्यादा होता है या लड़कियों को, आइए जानते हैं...

time-read
5 minutos  |
November First 2024
ग्लोइंग स्किन के लिए जरूरी क्लींजिंग
Grihshobha - Hindi

ग्लोइंग स्किन के लिए जरूरी क्लींजिंग

जानिए, आप अपनी स्किन को किस तरह तरोताजा और खूबसूरत रख सकती हैं...

time-read
3 minutos  |
November First 2024
करें बातें दिल खोल कर
Grihshobha - Hindi

करें बातें दिल खोल कर

भावनाओं को व्यक्त करने के लिए एक सच्चा दोस्त जरूरी है, मगर मित्र बनाते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें...

time-read
3 minutos  |
November First 2024
क्रेज फंकी मेकअप का
Grihshobha - Hindi

क्रेज फंकी मेकअप का

अपने लुक के साथ ऐसा क्या करें जो पारंपरिक मेकअप से अलग हो...

time-read
2 minutos  |
November First 2024
दिखेगी बेदाग त्वचा
Grihshobha - Hindi

दिखेगी बेदाग त्वचा

गर्ल्स में ऐक्ने की समस्या आम होती है. यह समस्या तब और पेरशान करती है जब किसी पार्टी में जाना हो या फिर फ्रैंड्स के साथ आउटिंग पर बहुत सी लड़कियां दादीनानी के घरेलू उपाय अपनाती हैं लेकिन इन से ऐक्ने जाते नहीं.

time-read
1 min  |
November First 2024