फिल्मों में गंदी राजनीति, नैपोटिज्म, जातिभेद जैसी कई बड़ी परेशानियां हैं - प्रियंका चोपड़ा
Grihshobha - Hindi|May First 2023
वैब सीरीज सिटाडेल से प्रियंका एक बार फिर से चर्चा में हैं. क्या है इस में खास और बौलीवुड को ले कर ऐसा क्या बयान दिया उन्होंने कि इस से खासा विवाद छिड़ गया है, जानिए खुद उन्हीं से...
आरती सक्सैना
फिल्मों में गंदी राजनीति, नैपोटिज्म, जातिभेद जैसी कई बड़ी परेशानियां हैं - प्रियंका चोपड़ा

अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा आजकल अपनी अंतर्राष्ट्रीय वैब सीरीज सिटाडेल को ले कर चर्चा में हैं. करीब 25 सौ करोड़ के लागत से बनी यह वैब सीरीज प्रदर्शन से पहले ही चर्चा में है. इस के प्रमोशन के लिए प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस मुंबई आई. अपनी बेटी मालती के साथ मुंबई आए.

सिटाडेल के अलावा प्रियंका भारत आने से पहले एक अंतर्राष्ट्रीय चैनल को दिए इंटरव्यू को ले कर भी चर्चा में हैं. उन्होंने अपनी बौलीवुड में अभिनय यात्रा को ले कर चौंकाने वाले बयान दिए. बौलीवुड में नैपोटिज्म, बौयकौट करने की प्रथा, पुरुषप्रधान फिल्म इंडस्ट्री को ले कर कई टिप्पणियां की हैं. सिटाडेल करने के पीछे उन का क्या खास मकसद है? इस वैब सीरीज में काम करने का उन का अनुभव कैसा रहा? ऐसे और कई सवालों के जवाब दिए प्रियंका चोपड़ा ने.

पेश हैं, प्रियंका से हुई बातचीत के चुनिंदा अंश:

काफी अरसे बाद आप एक बार फिर अपनी अंतर्राष्ट्रीय वैब सीरीज सिटाडेल के प्रमोशन के लिए मुंबई आई हैं. इस वैब सीरीज को करने को ले कर आप कितनी उत्साहित हैं और इस में किस तरह का किरदार निभाया है? 

मैं मुंबई आ कर बहुत खुश हूं. अपने घर आना किस को अच्छा नहीं लगेगा. निक और बेटी मालती मुंबई में आ कर बड़े मजे कर रहे हैं. जहां तक सिटाडेल के प्रमोशन का सवाल है तो यह वैब सीरीज मेरे लिए बहुत माने रखती है क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भव्य तरीके से बनाई गई बेहतरीन वैब सीरीज है, जिस में मेरी मुख्य भूमिका है. मैं इस वैब सीरीज में नादिया सिन्हा का किरदार निभा रही हूं. जो एक स्पाई जासूस है. यह एक स्पाई थ्रिलर वैब सीरीज है जिस में मेरे साथ हौलीवुड ऐक्टर रिचर्ड मेडसन मुख्य भूमिका में हैं. मैं ने इस वैब सीरीज में काफी सारे खतरनाक स्टंट सीन किए हैं जो अभी तक पहले कभी नहीं किए गए.

सिटाडेल की एक लंबी चेन है जिस में कई सारे स्पाई जासूस हैं जो अलगअलग शहरों में अलगअलग वेशभूषा में आम आदमी की तरह फैले हुए हैं. इन का मिशन अपने देश की रक्षा देश में ही छिपे दुश्मनों से करना है. इस के लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. कई सारे स्पाई जासूसों में से एक मैं भी हूं जो वैसे अपने पति के साथ आम जिंदगी गुजार रही है. हम दोनों ही स्पाई हैं.

Esta historia es de la edición May First 2023 de Grihshobha - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición May First 2023 de Grihshobha - Hindi.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE GRIHSHOBHA - HINDIVer todo
स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी
Grihshobha - Hindi

स्ट्रैंथ ट्रेनिंग क्यों जरूरी

इस ढकोसलेबाजी को क्यों बंद किया जाए कि जिम जाना या वजन उठाना महिलाओं का काम नहीं.....

time-read
5 minutos  |
November Second 2024
लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर
Grihshobha - Hindi

लड़कियों को लुभा रहा फोटोग्राफी कैरियर

फोटोग्राफी के क्षेत्र में पहले केवल पुरुषों का अधिकार था, लेकिन अब इस क्षेत्र में लड़कियां भी बाजी मारने लगी हैं....

time-read
5 minutos  |
November Second 2024
समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स
Grihshobha - Hindi

समय की मांग है डिजिटल डिटौक्स

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और खुशहाल रहने के लिए बौडी डिटोक्स के साथ डिजिटल डिटौक्स भी जरूरी है....

time-read
2 minutos  |
November Second 2024
पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं
Grihshobha - Hindi

पीरियडस क्या खाएं क्यो नहीं

मासिकधर्म के दौरान क्या खाना सही रहता है और क्या गलत, यहां जानिए...

time-read
3 minutos  |
November Second 2024
पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस
Grihshobha - Hindi

पतिपत्नी रिश्ते में जरूरी है स्पेस

जरूरत से ज्यादा रोकटोक रिश्ते की मजबूती को बिगाड़ सकती है. ऐसे में क्या करें कि ताउम्र खुशहाल रहें....

time-read
5 minutos  |
November Second 2024
औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी
Grihshobha - Hindi

औफिस के पहले दिन ऐसे करें तैयारी

औफिस में पहला दिन है, जानें कुछ जरूरी बातें....

time-read
3 minutos  |
November Second 2024
क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर
Grihshobha - Hindi

क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऑर्डर

क्या आप का बच्चा जिद्दी है, बातबात पर तोड़फोड़ करता है और खुद को नुकसान पहुंचा लेता है, तो जानिए वजह और निदान....

time-read
4 minutos  |
November Second 2024
जब मन हो मंचिंग का
Grihshobha - Hindi

जब मन हो मंचिंग का

फ़ूड रेसिपीज

time-read
4 minutos  |
November Second 2024
सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी
Grihshobha - Hindi

सेल सस्ती शौपिंग न पड़ जाए महंगी

अगर आप भी सस्ते के चक्कर में खरीदारी करने का शौक रखते हैं, तो यह जानकारी आप के लिए ही है....

time-read
3 minutos  |
November Second 2024
डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता
Grihshobha - Hindi

डाइट के लिए बैस्ट है पिस्ता

पिस्ता सिर्फ एक गार्निश नहीं, एक न्यूट्रिशन पावरहाउस है....

time-read
2 minutos  |
November Second 2024