Vanmali Katha Magazine - September 2023Add to Favorites

Vanmali Katha Magazine - September 2023Add to Favorites

Go Unlimited with Magzter GOLD

Read {{magName}} along with {{magCount}}+ other magazines & newspapers with just one subscription  View catalog

1 Month $9.99

1 Year$99.99

$8/month

(OR)

Subscribe only to Vanmali Katha Magazine

1 Year $3.99

Save 66%

Buy this issue $0.99

Gift Vanmali Katha Magazine

7-Day No Questions Asked Refund7-Day No Questions
Asked Refund Policy

 ⓘ

Digital Subscription.Instant Access.

Digital Subscription
Instant Access

Verified Secure Payment

Verified Secure
Payment

In this issue

आस्थावान होना निहायत जरूरी है, यह परस्पर का मामला है जैसे कि कीचड़ में जब पत्थर
पेंफकोगे तभी तो कीचड़ तुम्हारे मुँह पर गिरेगा। आस्था भी वुफछ इसी तरह की चीज है। आस्था की
ईंट का जवाब आस्था वेफ पत्थर से मिलता है। इसलिए मुझमें आस्था उसी तरह ठूँस-ठूँस कर भरी
गयी है जिस तरह बुरादा की सिगड़ी। इक्कीसवीं सदी की सदस्यता और नागरिकता तर्वफ, कानून
और ईमान जैसी तमाम बेमसरपफ की चीजों को सिरे से खारिज करती है। आज का सर्वमान्य नियम
जो सर्वोच्च संस्थाओं से भी स्वीवृफत है, यही है कि मुझे जो पसन्द है वही मेरा न्याय है। चूँकि
झूठ पसन्द है, इसलिए नियमानुसार झूठा आदमी पसन्द है। मेरा अनुभव रह-रहकर पुकारता कह
रहा है कि झूठा आदमी आस्थावान

Vanmali Katha Magazine Description:

PublisherAISECT Publication

CategoryFiction

LanguageHindi

FrequencyMonthly

इतने कम समय में ‘वनमाली कथा’ को
लेखकों-पाठकों का जो स्नेह व सहयोग प्राप्त हुआ है, वह हमारे अनुमान व
अपेक्षा से कहीं अधिक है। इसवेफ लिए एक अदद धन्यवाद शब्द सर्वथा
अपर्याप्त है। आगे हमारा यही प्रयास रहेगा कि हम आपवेफ भरोसे को बनाये
रखते हुए अपने देशकाल का सृजनात्मक प्रतिनिधित्व करते रहें। नयी सदी की
नयी रचनाशीलता को प्रश्रय व प्रोत्साहन देना हमारा सर्वोपरि लक्ष्य है। हमारी
कोशिश रहेगी कि लोकतान्त्रिक मूल्यों की समावेशी पत्रिका वेफ रूप में हमारी
छवि पूर्ववत् प्रतिष्ठित रहे।
यह अंक अघोषित रूप से स्त्रा-रचनाशीलता पर वेफन्द्रित है। यह स्पष्ट कर
देना चाहिए कि स्त्रा-रचनाशीलता से हमारा आशय स्त्रा-विषयक रचनाशीलता
नहीं, यहाँ बस स्त्रा-लेखकों ;हालाँकि यह शब्द-युग्म अपनी संरचना में
निरर्थक है, इसवेफ प्रयोग को सहूलियत वेफ अर्थ में लिया जाएद्ध की रचनाओं
का सम्मिलन-भर है। हमारे समय में रचनाशील दस स्त्रा-लेखकों की
कहानियाँ और दस कवयित्रियों की कविताएँ इस अंक में दी जा रही हैं। हमें
प्रसन्नता है कि इस अंक वेफ लिए उषाकिरण खान, जया जादवानी, अल्पना
मिश्र, पंखुरी सिन्हा, विभा रानी, विनीता चौबे, ममता सिंह, इन्दिरा दाँगी और
वनमाली कथा उजला लोहिया ने अपनी कहानियाँ दीं। ‘कथाविश्व’ वेफ अन्तर्गत गत वर्ष
साहित्य वेफ क्षेत्रा में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रेंफच लेखिका एनी ऐर्नो की
कहानी दी जा रही है। इस कहानी का अनुवाद किया है युवा कवि-कथाकार
निशान्त उपाध्याय ने।
‘दस कविताएँ’ स्तम्भ वेफ अन्तर्गत हर बार की तरह किसी एक कवि की दस
कविताओं को न लेकर कविता वेफ प्रदेश में सृजनरत दस युवा कवयित्रियों की

  • cancel anytimeCancel Anytime [ No Commitments ]
  • digital onlyDigital Only
MAGZTER IN THE PRESS:View all