Panchjanya - December 04, 2022Add to Favorites

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In this issue

#संविधान
परख का समय
हम स्वतंत्रता के अमृत वर्ष में हैं, इस समय हमें देखना होगा कि व्यवस्था की जो नींव है, यानि संविधान ,वह नींव कैसी है.इसके आधार को बनाए रखने वाले कौंन हैं और इसे खोदने वाले कौन हैं

परख का समय

संविधान देश की व्यवस्था की नींव है। इसकी प्रस्तावना में भारत के जीवन मूल्य, भारत की हजारों वर्षों की सांस्कृतिक परंपरा समाहित है। संविधान बनने और लागू होने के बाद से ही इस देश ने देखा है कि इस नींव के साथ कौन खड़ा है और कौन हैं नींव खोदने वाले

परख का समय

8 mins

गीता में हैं आधुनिक प्रबंधन के सूत्र

प्रबंधन के क्षेत्र में गीता का हर अध्याय, हर श्लोक अत्यंत सटीक और महत्वपूर्ण मार्गदर्शन करता है। इन सूत्रों से न केवल करियर में वांछित सफलता प्राप्त हो सकती है बल्कि सामाजिक एवं व्यक्तिगत जीवन में भी उन्नति हो सकती है।

गीता में हैं आधुनिक प्रबंधन के सूत्र

5 mins

शुभता का संदेश देती गीता

गीता मनुष्य को जीवन का प्रबंधन सिखाती है। यह कर्म को महत्ता देती है ताकि मनुष्य कर्म करते हुए श्रेष्ठ स्थिति को प्राप्त करे । गीता जीवन की अस्मिता के बोध का ग्रंथ है, जो यह सिखाता है कि कुंठा और तनाव से मुक्त जीवन ही आनंद का जीवन है

शुभता का संदेश देती गीता

5 mins

सचेत कर गई श्रद्धा!

लव जिहादी आफताब ने हिंदू बेटी श्रद्धा के शरीर 35 टुकड़े किए। इस बर्बर हत्याकांड ने सेकुलरों को भी यह मानने के लिए विवश किया कि देश में लव जिहाद चल रहा है। विहिप ने मांग की है कि लव जिहाद के विरुद्ध एक केंद्रीय कानून बने

सचेत कर गई श्रद्धा!

4 mins

पालने दो, संस्कृति एक

वाराणसी में आयोजित ‘काशी- तमिल संगमम्' एक महीने तक चलेगा। इसका उद्देश्य है उस झूठ को समाप्त करना, जिसमें कहा जाता है कि उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृति अलग-अलग हैं। संगमम् यह संदेश भी दे रहा है कि चाहे दक्षिण भारत के लोग हों या उत्तर भारत के, सब एक ही संस्कृति की संतान हैं

पालने दो, संस्कृति एक

5 mins

बात बढ़ी, पर चिंताएं वहीं

इस बार जलवायु सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के कारण गरीब देशों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए निधि बनाने पर सहमति बनी है। लेकिन इसे किस तरह अमल में लाया जाएगा? कौन धनराशि देगा और किस तरह देगा? इस पर फैसला आने वाले समय में किया जाएगा

बात बढ़ी, पर चिंताएं वहीं

5 mins

जैन साब की 'जन्नत' जैसी जेल

दिल्ली में आम आदमी पार्टी के प्रति उसके कार्यकर्ताओं में ही गुस्सा बढ़ रहा है। वे अपने ही विधायक की पिटाई कर रहे और निगम चुनाव के लिए टिकट बेचने के आरोप लगा रहे हैं। ऊपर से सत्येंद्र जैन के वायरल हो रहे वीडियो ने भी पार्टी की असलियत को बेपर्दा किया

जैन साब की 'जन्नत' जैसी जेल

5 mins

तकनीक और संस्कृति का संगम

गोवा में 20 से 28 नवंबर तक चलने वाले भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में बहुत कुछ पहली बार हो रहा है। 53वें महोत्सव में तकनीक का जबरदस्त प्रयोग किया गया है, ताकि दिव्यांग भी फिल्मों का आनंद उठा सकें

तकनीक और संस्कृति का संगम

3 mins

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Panchjanya Magazine Description:

PublisherBharat Prakashan (Delhi) Limited

CategoryPolitics

LanguageHindi

FrequencyWeekly

स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरन्त बाद 14 जनवरी, 1948 को मकर संक्राति के पावन पर्व पर अपने आवरण पृष्ठ पर भगवान श्रीकृष्ण के मुख से शंखनाद के साथ श्री अटल बिहारी वाजपेयी के संपादकत्व में 'पाञ्चजन्य' साप्ताहिक का अवतरण स्वाधीन भारत में स्वाधीनता आन्दोलन के प्रेरक आदशोंर् एवं राष्ट्रीय लक्ष्यों का स्मरण दिलाते रहने के संकल्प का उद्घोष ही था।

अटल जी के बाद 'पाञ्चजन्य' के सम्पादक पद को सुशोभित करने वालों की सूची में सर्वश्री राजीवलोचन अग्निहोत्री, ज्ञानेन्द्र सक्सेना, गिरीश चन्द्र मिश्र, महेन्द्र कुलश्रेष्ठ, तिलक सिंह परमार, यादव राव देशमुख, वचनेश त्रिपाठी, केवल रतन मलकानी, देवेन्द्र स्वरूप, दीनानाथ मिश्र, भानुप्रताप शुक्ल, रामशंकर अग्निहोत्री, प्रबाल मैत्र, तरुण विजय, बल्देव भाई शर्मा और हितेश शंकर जैसे नाम आते हैं। नाम बदले होंगे पर 'पाञ्चजन्य' की निष्ठा और स्वर में कभी कोई परिवर्तन नहीं आया, वे अविचल रहे।

किन्तु एक ऐसा नाम है जो इस सूची में कहीं नहीं है, परन्तु वह इस सूची के प्रत्येक नाम का प्रेरणा-स्रोत कहा जा सकता है जिसने सम्पादक के रूप में अपना नाम कभी नहीं छपवाया, किन्तु जिसकी कल्पना में से 'पाञ्चजन्य' का जन्म हुआ, वह नाम है पं. दीनदयाल उपाध्याय।

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