Jyotish Sagar - November 2023
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Jyotish Sagar’s November, 2023 issue has been published now. This issue is based on "DIWALI and ZODIAC CHANGE OF RAHU'.
पंचदिवसीय महोत्सव दीपावली
भारतीयों के लिए वार्षिक पर्व एवं महोत्सव के रूप में प्रतिष्ठित 'दीपावली' की प्रतिष्ठा दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। सनातन धर्म अथवा यूँ कहें कि भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का यह दीपावली महापर्व सम्भवतः एकमात्र ऐसा पर्व है, जिसने पाश्चात्य अंधानुकरण के इस युग में भी कुछ परिवर्तनों के साथ अपना अस्तित्व न केवल बचाए रखा है, वरन् इस भौतिकवादी युग में अपनी उपादेयता दिन-प्रतिदिन बढ़ाई है।
7 mins
भावप्रकाश में देव धन्वन्तरि
देव-धन्वन्तरि को आरोग्य का देवता कहा गया है। कार्तिक त्रयोदशी (धनतेरस) को देव धन्वन्तरि के पूजन का विधान मिलता है।
2 mins
व्यवसाय में अक्षय उन्नति हेतु दिवाली पर करें शाबर मन्त्र का प्रयोग
एक ऐसी साधना, एक ऐसे शाबर मन्त्र का प्रयोग एवं विधि बताई गई है, जिसका प्रयोग करने से जातक अपने व्यवसाय, अन्नक्षेत्र को अक्षय बना सकता है अर्थात् उसका व्यवसाय निरन्तर उन्नति करता हुआ नवीन ऊँचाइयों को छूता है।
2 mins
अष्टस्वरूपा लक्ष्मी एक ज्योतिषीय विवेचना
गृहस्थ और सामाजिक जीवन में माँ लक्ष्मी की कृपा की आवश्यकता का महत्त्व सर्वविदित है। माँ के आशीर्वाद के बगैर सौभाग्य और सफलता की कल्पना करना भी व्यर्थ है।
4 mins
विश्वव्यापी दीपोत्सव!
दीपोत्सव किसी न किसी रूप में सारे विश्व में अलग-अलग नाम और रूपों में मनाया जाता रहा है। यूनान के प्रसिद्ध कवि होमर ने अपने महाकाव्यों 'ओडेसी' एवं 'इलियट' में स्थान-स्थान पर दीपोत्सव का वर्णन किया है। ईसा से पाँचवीं शताब्दी पूर्व मिस्र (इजिप्ट) एवं यूनान के मन्दिरों में मिट्टी एवं धातु के दीपकों को प्रज्वलित किया जाता था।
2 mins
दीपावली पर करें सुख-समृद्धि प्रदायक अचूक मन्त्र
जिस घर में दीपावली की रात्रि में लक्ष्मी सहस्रनाम एवं श्रीसूक्त का पाठ होता है, उस घर में माँ लक्ष्मी का अवश्य ही आगमन होता है। दीपावली की रात्रि में कनकधारा स्तोत्र का पाठ भी अवश्य करना चाहिए।
3 mins
पुत्र की मनोरथ का पर्व है सूर्य षष्ठी
भारतीय उत्सवों तथा पर्वों के पीछे कोई न कोई पौराणिक कहानियाँ प्रचलित हैं। भारतीय धर्मशास्त्रों में जो कहानियाँ प्रचलित हैं, विश्व के किसी भी शास्त्र में कदाचित् ही मिले।
2 mins
संसार में सिर्फ 'महावीर' ने आत्मा को 'समय' कहा
समय ही मनुष्यों के भीतर आत्मा के शिखरतम विकास की खबर दे रहा है। दरअसल समय के फलक पर इतनी गहरी दृष्टि के कारण ही महावीर सत्य के सम्पूर्ण स्वरूप को आकलित कर पाए।
6 mins
बजरंगबली के चित्रों की घर में स्थापना द्वारा मनोरथों की सिद्धि
भक्ति में यदि किसी देवता का नाम लिया जा सकता है, तो वे हैं श्री बजरंगबली हनूमान जी। इनकी राम भक्ति का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब इन्होंने अपनी छाती को फाड़ा, तो उसमें भी भगवान् श्रीराम विराजमान थे।
2 mins
पंचमुखी हनूमान् मूर्ति रहस्य
रावण हमारे जीवन का अहंकार है। अहिरावण अहंकार का भाई मोह है। मोह राम-लक्ष्मण अर्थात् ज्ञान-वैराग्य को मोहित कर पाताललोक (अधोगति) में बन्दी बना लेता है। ज्ञान और वैराग्य मोह द्वारा मोहित हो जाते हैं। मोह का मुकाबला सिर्फ साधक का प्रबल वैराग्य ही कर सकता है।
3 mins
Jyotish Sagar Magazine Description:
Publisher: Jyotish Sagar Private Limited
Category: Religious & Spiritual
Language: Hindi
Frequency: Monthly
Jyotish Sagar is the most popular astrological monthly magazine in Hindi language. It is being published from March, 1997. This magazine covers most of branches of astrology like as : Classical Hindu Astrology, Modern Astrology, Krishnamurthi or KP Astrology, Jaimini Astrology, Career Astrology, Marriage Astrology, Medical Astrology, Remedial Astrology, Lal Kitab, Tajik or Annual Horoscopy, Palmistry, Numerology, Body Reading and Samudrik Shastra, Mundane Astrology, Electional or Muhurta Astrology, Vedic Astrology, Astrological Mathematics and Siddhant Jyotish or Hindu Astronomy etc. Detailed Panchanga (calendar), Monthly Ephemeris and Various type of Muhurta are also published in every issue. Monthly Horoscope (Rashiphal) and Tansitary Forecast are also attractive feature of Jyotish Sagar. Many permanent collums like as festival planner of the month, Ramcharitmans, Upanishad, Gita, Ravan Samhita, Puran Purush, Kabir Vaani, Chanakyodesh etc are other attractions of this magazine. Some articles are also published on Vastu, Tantra, Mantra and Yantra. Every year two Special issues on Deepavali are also published. More than four special issues are published per year.
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