Vivek Jyoti - October 2023Add to Favorites

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In this issue

1. हमारी नारियाँ अधिक पवित्र हैं : विवेकानन्द ५१०
2. दुर्गा नाम क्यों? (स्वामी अलोकानन्द) ५१३
3. शरीर अनित्य और आत्मा नित्य है (स्वामी सत्यरूपानन्द) ५१६
4. (बच्चों का आंगन) महान पुरुष बनने का दृढ़ संकल्प (श्रीमती मिताली सिंह) ५१७
5.. विवेकानन्द की कुमारी पूजा और अलमोड़ा के यशोदा माई द्वारा पूजित चित्र
(स्वामी ध्रुवेशानन्द) ५२०
6. (युवा प्रांगण) उन्नत व्यक्तित्व और समाकलित जीवन का महत्त्व (स्वामी गुणदानन्द) ५२६
7. शास्त्रानुसार दुर्गामहास्नान की नदियाँ (उत्कर्ष चौबे) ५२८
8. रामकृष्ण संघ : एक विहंगम दृष्टि (स्वामी पररूपानन्द) ५४०

Vivek Jyoti Magazine Description:

PublisherRamakrishna Mission, Raipur

CategoryReligious & Spiritual

LanguageHindi

FrequencyMonthly

भारत की सनातन वैदिक परम्परा, मध्यकालीन हिन्दू संस्कृति तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द के सार्वजनीन उदार सन्देश का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानन्द के जन्म-शताब्दी वर्ष १९६३ ई. से ‘विवेक-ज्योति’ पत्रिका को त्रैमासिक रूप में आरम्भ किया गया था, जो १९९९ से मासिक होकर गत 60 वर्षों से निरन्तर प्रज्वलित रहकर यह ‘ज्योति’ भारत के कोने-कोने में बिखरे अपने सहस्रों प्रेमियों का हृदय आलोकित करती रही है । विवेक-ज्योति में रामकृष्ण-विवेकानन्द-माँ सारदा के जीवन और उपदेश तथा अन्य धर्म और सम्प्रदाय के महापुरुषों के लेखों के अलावा बालवर्ग, युवावर्ग, शिक्षा, वेदान्त, धर्म, पुराण इत्यादि पर लेख प्रकाशित होते हैं ।

आज के संक्रमण-काल में, जब भोगवाद तथा कट्टरतावाद की आसुरी शक्तियाँ सुरसा के समान अपने मुख फैलाएँ पूरी विश्व-सभ्यता को निगल जाने के लिए आतुर हैं, इस ‘युगधर्म’ के प्रचार रूपी पुण्यकार्य में सहयोगी होकर इसे घर-घर पहुँचाने में क्या आप भी हमारा हाथ नहीं बँटायेंगे? आपसे हमारा हार्दिक अनुरोध है कि कम-से-कम पाँच नये सदस्यों को ‘विवेक-ज्योति’ परिवार में सम्मिलित कराने का संकल्प आप अवश्य लें ।

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