Kendra Bharati - केन्द्र भारती - November 2021
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In this issue
In this issue 'Sadhana Diwas' the birth Anniversary of Mananeeya Eknathji Ranade - founder of Vivekananda Kendra is highlighted.
संपादकीय- आइए, हम उन मौन आहानों पर प्रतिक्रिया दें
इस वर्ष १६ नवम्बर, साधना दिवस, विवेकानन्द शिला स्मारक और विवेकानन्द केन्द्र के संस्थापक माननीय एकनाथजी की जयन्ती; 'स्वाधीनता के ७५ वर्ष' के सन्दर्भ में है। 'स्वाधीनता का ७५ वर्ष' केवल एक उत्सव नहीं है। यदि कोई हमारे भारत की रक्षा और पोषण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करनेवाले कई बलिदानियों, संतों, सामान्य लोगों की उन मूक पुकारों को सुन सकता है, तो यह भारत के समग्र विकास के लिए निःस्वार्थ रूप से योगदान देने की साधना है।
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स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर हमारी यात्रा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. श्री मोहनजी भागवत का विजयादशमी उत्सव (शुक्रवार दि. १५ अक्टूबर, २०२१) के अवसर पर दिया गया उद्बोधन।
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एकनाथजी का ध्येयगामी जीवन
मार्गशीर्ष शुक्ल द्वितीया विक्रम सम्बत् १६७१ दिनांक १६ नवम्बर, १८१४ गुरुवार के दिन महाराष्ट्र के अमरावती जिले में टिमटाला गांव में रानडे परिवार की आठवीं और सबसे छोटी संतान का जन्म हुआ। उसका नाम एकनाथ रखा गया और सब उसे नाथ कहकर बुलाते थे। पिता श्री रामकृष्णराव विनायक रानडे विदर्भ की ग्रेट इंडियन पेनिनसुलर रेलवे में कार्यरत थे तथा माता श्रीमती रमाबाई धार्मिक प्रवृत्ति की साधारण महिला थीं।
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कथा शिवभक्त मूर्ति नयनार की
एक शिव भक्त के बारे में एक आकर्षक कहानी
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धर्मान्तरण अर्थात हिंसा
१६८१ में मीनाक्षीपुरम् में जब रातोंरात धर्मान्तरण किया गया तब पूरे देश में वह एक बड़ा समाचार बन गया और चिन्ता का विषय भी। यदि विवेकानन्द केन्द्र सांस्कृतिक मूल्यों के आधार पर सेवा कार्य शुरू करे तो अनेक समाज हितैषी सहायता करने तैयार थे। केन्द्र ने यह कार्य करना निश्चित किया। जिनका जन्म इस महान संस्कृति में हुआ है ऐसे कोई भी इस ज्ञान से वंचित नहीं रहने चाहिए। यह उनका जन्मसिद्ध अधिकार है कि वे अपनी संस्कृति को जाने और उसके प्रति गर्व करे । और यह बहुत दुःखदायी होता है जब इस महान संस्कृति में जन्मे कुछ ईसाई और मुस्लिम दूसरों की देवी-देवताओं का सम्मान करनेवाले धर्मान्तरण करने लगते हैं। विवेकानन्द केन्द्र के ग्राम विकास प्रकल्प की शुरुवात वंचितों की सेवा करने तथा उनको स्वयं के प्रति एवं अपनी सांस्कृतिक परम्पराओं के प्रति आत्मविश्वासपूर्ण बनाने के लिए हुई।
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परस्पर अनुशासन
प्रभाव कारण या ११. किसी ऐसे स्थान में जाएं जहां हमारा सत्कार हो, तो हमारे साथ आये हुए अतिथि या मित्र को न भूलें । उन्हें भी हमारे साथ आदर-रात्कार में सम्मिलित करें...
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Kendra Bharati - केन्द्र भारती Magazine Description:
Publisher: Vivekananda Kendra
Category: Religious & Spiritual
Language: Hindi
Frequency: Monthly
विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की सांस्कृतिक मासिक हिन्दी पत्रिका "केन्द्र भारती"
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