CATEGORIES
Categories
क्या गुपचुप आगे बढ़ रही है मोदी सरकार ?
समान नागरिक संहिता
नीतीश की राह में 'समाधान' से ज्यादा व्यवधान
बक्सर की समस्या नीतीश कुमार के समाधान यात्रा पर निकलने से काफी पहले से बनी हुई थी. अगर मामले को वक्त रहते सही तरीके से हैंडल किया गया होता तो हिंसा और तोड़ फोड़ को टाला जा सकता था. बिहार सरकार के अफसर भी थोड़ी समझदारी दिखाये होते तो आधी रात को पुलिस एक्शन की भी जरूरत नहीं पड़ती.
नीतीश-लाल को फ्रेंडली-फाइट शुरू
जेडीयू की तरफ से सवाल उठाया जा रहा है कि चेतावनी देना तो ठीक है, लेकिन नीतीश कुमार को शिखंडी कह देने वाले सुधाकर सिंह के खिलाफ एक्शन कब तक होगा? एक तरह से जेडीयू के सीनियर नेता उपेंद्र कुशवाहा ने आरजेडी नेतृत्व को अल्टीमेटम देने की भी कोशिश की है. लहजा थोड़ा नरम जरूर देखा गया है. उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि 14 जनवरी तक सुधाकर सिंह के खिलाफ कोई न कोई एक्शन जरूर होगा.
क्या भ्रष्टाचार के बोझ से टूट रहे हैं बिहार के पुल ?
कुछ दिन पहले बेगूसराय जिले में गंडक नदी पर 13.5 करोड़ की लागत से बनाया गया जो पुल औपचारिक उद्घाटन से पहले ही बीच से ध्वस्त हो गया, उसकी जांच में पता चला है कि खराब निर्माण के कारण पुल अपने ही वजन का बोझ नहीं सह सका और टूट गया.
स्वास्थ्य जटिलताओं से जूझते कोरोना प्रभावित, दिल पर घात तो स्मृति भी प्रभावित
कोरोना भले ही अब अंतिम सांसें गिनने लगा हो पर कोरोना प्रभावित इसके दुष्प्रभाव से अभी तक मुक्त नहीं हो पाये हैं. कोरोना प्रभावितों द्वारा दोनों टीकों यहां तक कि बूस्टर डोज लगवाने वाले भी इन दुष्प्रभावों से बच नहीं पा रहे हैं. एक मोटे अनुमान के अनुसार दुनिया के 20 करोड़ लोग कोरोना के साइड इफेक्ट से प्रभावित हो रहे हैं. अचानक दिल का दौरा, भूलने की आदत, सरदर्द, अधिक बाथरुम जाना, अचानक डायबिटिक होना, मनोबल में कमी और इसी तरह के साइड इफेक्ट से दो चार हो रहे हैं. कोरोना दुष्प्रभाव के चलते मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है.
नहीं लग - रैगिंग पर लगाम
निरन्तर सामने आ रहे रैगिंग के ऐसे मामलों की लंबी फेहरिस्त है. शिक्षण संस्थानों में रैगिंग रोकने के लिए सख्त अदालती दिशा-निर्देश हैं लेकिन फिर भी देशभर के कॉलेजों में रैगिंग के सामने आ रहे मामले चिंता बढ़ाने के लिए पर्याप्त हैं. एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर किसी न किसी कॉलेज से रैगिंग की शिकायतें लगातार मिल रही हैं, जिससे स्पष्ट है कि सीनियर छात्रों को अपनी क्षणिक मस्ती, उदंडता और रौब कायम करने के लिए अदालती आदेशों की भी परवाह नहीं है.
बालिकाओं एवं महिलाओं की सबलता के लिए पहल
कहानी उदयपुर के उद्यमी और समाजसेवी मुकेश माधवानी की है जो पिछले कई वर्षों से उदयपुर में नामी उद्यमी होने के साथ ही समाजसेवा के क्षेत्र से जुड़े हैं.
कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल
कहा जाता है कि किसी देश की भाषा-संस्कृति, आचार-व्यवहार की जानकारी लेनी हो तो उस देश की फिल्में देखनी चाहिए. इसी कड़ी में 28 वीं कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (केआईएफएफ) कोलकाता के नंदन में बड़े संदेश देते हुए समाप्त हुआ. इसने दुनिया को देखने का नया नजरिया दिया है. कोलकाता फिल्म फेस्टिवल में इस बार की थीम थी \"मीट द वर्ल्ड@ दी वर्ल्ड ऑफ सिनेमा\" यानी 'विश्व सिनेमा के जरिए हों दुनिया से परिचित'. इस बार की यह थीम वाकई काबिले तारीफ हैं.
राजस्थान में टूटेगा सत्ता बदलने का मिथक ?
राजस्थान में अगले साल दिसंबर के प्रथम सप्ताह में विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में प्रदेश में सक्रिय सभी राजनीतिक दलों ने अपनी राजनीतिक गतिविधियों चुनाव की व कार्यक्रम को तेज दिया है.
जहरीली शराब पीने वालों से कैसी सहानुभूति ?
नीतीश कुमार ने कहा था कि जहरीली शराब पीना ठीक नहीं है, जहरीली शराब पीकर मरने वाले परिवार को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा. वहीं उन्होंने ये भी कहा था कि जो पिएगा वो मरेगा ही. नीतीश द्वारा इस बयान को देना भर था बवाल मच गया है. विपक्ष द्वारा लगातार कई आरोप बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगा दिए गए हैं.
क्या योगी को 2024 के लिए पीएम फेस बनाने का समय आ गया है ?
चाहे एकतरफा मीडिया कुछ भी कहे, नरेंद्र मोदी का सियासी जादू खत्म हो चुका है.
सियासी भागीदारी में क्यों पीछे आधी आबादी ?
ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2021 बताती है कि राजनीतिक सशक्तिकरण सूचकांक में भारत के प्रदर्शन में गिरावट आई है और महिला मंत्रियों की संख्या वर्ष 2019 के 23.1 प्रतिशत के मुकाबले वर्ष 2021 में घटकर 9.1 प्रतिशत तक पहुंच गई. विश्व आर्थिक मंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक लैंगिक समानता की विश्व रैंकिंग में भारत 146 देशों में 135वें स्थान पर है.
समान नागरिक संहिता कानून!
राजनीति के जानकार कहते है कि बीजेपी की नजर 2024 के आम चुनाव पर है और सदन के नेता पीयूष गोयल ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा भी था कि यह सदस्य का वैध अधिकार है. उच्च सदन के कई सदस्यों ने स्वीकार किया है कि सत्ता पक्ष अवसर की तलाश कर रहा है और जब सदन में विपक्ष की संख्या कम थी तब विधेयक पेश किया गया.
भाजपा का पसमांदा प्रेम, कितना निश्छल-कितना स्वार्थी
पसमांदा आंदोलन का एक नारा है \"हिंदू हो या मुसलमान पिछड़ा-पिछड़ा एक समान\". यह पसमांदा आन्दोलन की मूल आत्मा हैं. यह नारा धार्मिक पहचान की जगह सभी समुदायों के सामाजिक या जातीय रूप से संगठित करने की वकालत करता है. यह एक प्रगतिशील नारा है लेकिन भाजपा और संघ इसका अपनी तरह से फायदा उठाना चाहते हैं.
सरहद को अब निगहबान हैं बेटियां
भारत-बांग्लादेश सीमा
राहुल के साथ आएंगे वरुण ?
भारत जोड़ो यात्रा को राहुल गांधी और उनके साथ नफरत के खिलाफ एक मुहिम के तौर पर पेश कर रहे हैं. राहुल गांधी का दावा है कि सच्चाई के लिए लड़ रहे हैं - और संघ - बीजेपी मिल कर देश में नफरत फैला रहे हैं. जवाबी हमले में बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी की मंशा पर ही सवाल उठा दिया है. दरअसल, राहुल गांधी इस भारत जोड़ो यात्रा से देश में सद्भाव और सौहार्द का माहौल बनाने के लिए निकले हैं और भारत को एक सूत्र में जोड़ने का प्रयास है. राहुल अपने इस प्रयास में कितने सफल हो पायें है. इसका विश्लेषण तो राजनीति में किया ही जाएगा.
राहुल जी छुट्टियों के लिए कुतर्क ना गढ़ें!
महामारी के लिए यात्रा रोकने से मना करना और क्रिसमस छुट्टियों के लिए ब्रेक लेने से तो यही साबित होता है कि एक जिम्मेदार नेता के रूप में राहुल में संवेदनशीलता और गंभीरता की घोर कमी है. वे अब भी पहले की तरह हैं. यात्रा के बावजूद उनमें कोई परिवर्तन नहीं आया. राहुल को बनना तो पीएम है, मगर कैसे?
किसकी सेहत पर पहां फर्क?
भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर के रास्ते में दिल्ली में ब्रेक ले रही है - और राहुल गांधी के दिल्ली पहुंचने से पहले ही उनके छुट्टी पर जाने की भी चर्चा शुरू हो गयी थी, लेकिन यात्रा में साथ साथ चल रहे कन्हैया कुमार का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है.
निर्भया कांड के 10 साल बाद भी भय का माहौल
23 साल की ज्योति सिंह और उनके दोस्त 16 दिसंबर 2012 की शाम को बस में सवार हुए.
लाहौर धमाका: यूएन में भारत की शिकायत करेगा पाकिस्तान
पाकिस्तान यूएन में भारत की शिकायत करेगा. उसका आरोप है कि भारत उसके यहां आतंकवादी गतिविधियों को हवा दे रहा है.
दीपिका पादुकोण के 'बेशरम रंग' पर एमपी में बवाल
शाह रुख खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म पठान का नया गाना बेशरम रंग हाल ही में रिलीज किया गया था.
फीफा कप को किसने जोड़ा मजहब से
कतर में चल रहे फीफा विश्व कप में लगातार उलटफेर हो रहे हैं. यह ही एक ऐसा खेल है जिसमें अच्छी क्वालिटी के खेलों का रोमांच बढ़ता है जब नतीजे अप्रत्याशित आते हैं.
आखिर कब तक बोरवेल में दम टूटेगा बच्चों का ?
हर साल बोरवेल में बच्चों के गिरने के अब कई मामले सामने आते हैं, जिनमें से अधिकांश की बोरवेल के भीतर ही दम घुटकर दर्दनाक मौत हो जाती है. बोरवेल हादसे पिछले कुछ वर्षों से जागरूकता के प्रयासों के बावजूद निरन्तर सामने आ रहे हैं किन्तु इनसे सबक सीखने को कोई तैयार नहीं दिखता.
अखिलेश यादव को मैनपुरी की खुशी या रामपुर का गॅम ?
मैनपुरी की जीत अखिलेश यादव के लिए खुशियों के खजाने जैसी ही है. ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि डिंपल यादव ने एक बेहद मुश्किल चुनाव जीत लिया है. ऐसा इसलिए भी नहीं कि अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह यादव की विरासत बरकरार रखने में सफलता हासिल की है या फिर बीजेपी का कब्जा नहीं होने दिया है, बल्कि खतौली सीट तो समाजवादी गठबंधन ने बीजेपी से छीन ही ली है.
प्रकोप की पराजय
स्वदेश की वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर यदि दृष्टि केंद्रित की जाए, तो एक संक्रमित साये की ढलती तस्वीर दृष्टिगोचर होती है. क्योंकि वर्तमान काल खंड में जिस प्रकार स्वार्थ लिप्सा की लकीरों पर चलते हुए, राजनीति को एक सर्कस के खेल की तरह प्रस्तुत किया जा रहा है.
समान नागरिक संहिता जिंदगी में क्या बदल जाएगा ?
कोई अब्दुल शादी और तलाक इस्लामिक क़ानून के हिसाब से ही करना चाहता है. तलाक भी उसी हिसाब से देना चाहता है. लोक व्यवहार, खानपान और कपड़े भी उसी के आधार पर पहनना चाहता है.
ममता-शुभेन्दू मुलाकात नहीं बनी चाय पर बात
राजनीति में एक कुशल राजनीतिज्ञ वही होता है जिसमें राज करने हेतु नीति निर्धारण का कौशल हो यानी वह जो उचित स्थान पर उचित कार्य करने की कला जानता हो. अगर सीधे शब्दो में कहें तो नीति विशेष के द्वारा शासन करना या विशेष उद्देश्य को प्राप्त करना ही राजनीति कहलाती है और जो ऐसा कर पाता है वही राजनीति का सिकंदर होता है.
अब राहुल से बड़े नेता हैं केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की राजनीतिक सफलताएं साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि राजनीति अब पूरी तरह से राष्ट्रवादी रिंग में है. सीधा-सीधा समझना चाहें तो राजनीति में 'हिंदुत्व बनाम हिंदुत्व' की लड़ाई के युग की शुरुआत हो चुकी है. और यह असल में किसी तरह का धार्मिक विचार नहीं बल्कि भारतीयता का ही एक समानार्थी शब्द है. भारतीय मूल्यों में भरोसा रखने वाले हर व्यक्ति में हिंदुत्व है. उसकी अलग पूजा पद्धति, उसका निजी मसला हो सकता है. खैर, इसी साल पंजाब समेत तमाम राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद अब दिल्ली निगम में केजरीवाल की जबरदस्त जीत के मायने हैं. गुजरात और कुछ हद तक हिमाचल में भी उन्हें जो भी हासिल होता दिख रहा है, उसे भी मामूली नहीं कहा जा सकता. भले ही संख्या में सीटें दो-चार या फिर उससे कुछ ज्यादा ही हों.
क्या वाकई विपक्षी बीजेपी के लिए 2024 में बन सकते हैं मुसीबत
गुजरात के चुनाव नतीजे को तो ऐसे ही समझा जा रहा है जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने 2024 में कोई नहीं है टक्कर मेट टाइप का मामला होने वाला है, लेकिन 'सावधानी हटी, दुर्घटना घटी' का स्कोप भी तो कभी खत्म नहीं होता - ये जो हिमाचल मॉडल सामने आया है, असल में बीजेपी के सामने आने वाली बड़ी चुनौतियों में से एक है.
अब अंतरिक्ष से ही प्राकृतिक आपदाओं पर नजर रख सकेगा भारत
इसरो के वैज्ञानिकों ने बीते कुछ वर्षों में अंतरिक्ष की दुनिया में कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं. पिछले दिनों भी इसरो ने अंतरिक्ष में सफलता का ऐसा ही परचम लहराया.