जंपी बंदर शहर से हाल ही में वन वापस लौटा था. वन में वापस आ कर वह इसी सोच में डूबा हुआ था कि अब वह क्या करे.
अचानक उसे सामने से जंबो हाथी आता दिखाई दिया.
"जंबो, तुम ने अपना क्या हाल बना रखा है? कुछ लेते क्यों नहीं ?"
"क्या कह रहे हो, मैं तो खूब डाइट लेता हूं. सुबह नाश्ते में 10 दर्जन केले, दोपहर को 25 से 30 दर्जन केले और 10 लिटर गन्ने का रस... "
"जंबो, मेरे कहने का मतलब था कि तुम अपना वजन कम करने के लिए कुछ लेते क्यों नहीं? कोई दवा लो, ज्यादा वजन बीमारी की वजह होता है, " जंपी ने जंबो की बात काटते हुए कहा.
"नहीं, मैं कोई दवा नहीं लूंगा, क्या तुम्हें पता नहीं कि दवा के कितने साइड इफैक्ट होते हैं?" जंबो सिर हिलाते हुए बोला.
जंपी ने कहा, "तो फिर व्यायाम करो, योगा करो, लेकिन अपना वजन जरूर घटाना."
"जंपी, वजन तो मैं ऐसे ही काफी उठाता हूं, कसरत तो समझो ऐसे ही हो जाती है. इसलिए अब मैं जिम जा कर कसरत तो करने से रहा और रही बात योगा की तो हमारे वन में कोई योगा सिखाने वाला ही नहीं " है, " जंबो ने कहा और आगे बढ़ गया.
'क्यों न मैं वन में योगा ट्रैनिंग सेंटर खोल लूं?" जंपी ने मन में सोचा. उसे यह विचार पसंद आया और उस ने वन में योगा ट्रैनिंग सेंटर खोल दिया.
अगले ही दिन उस के योगा ट्रैनिंग सेंटर में बहुत से जानवर आ गए. यह देख कर जंपी बेहद खुश हुआ.
"मुझे बेहद प्रसन्नता हो रही है कि आप सभी द को स्वस्थ और निरोगी रखना चाहते हैं, इसलिए आप यहां मौजूद हैं. आज आप का पहला दिन है इसलिए हम सरल योगा से शुरुआत करेंगे, जंपी बोला.
"गुरूजी, आप तो मुझे वजन घटाने वाला योगा करवाइए," जंबो ने उत्सुकता से कहा.
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बा और बापू
मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें लोग 'महात्मा' और कुछ प्यार से 'बापू' कहते थे, मेरे परदादा एक असाधारण व्यक्ति थे.
वादा गलत हो गया
‘मैं थक गई हूं, मैं पढ़ना नहीं चाहती,’ सुनैना ने बड़बड़ाते हुए कहा. उस की मां अंजना परेशान दिखीं, लेकिन उन्होंने शांत स्वर में कहा, “अभी तो सिर्फ तीन परीक्षाएं बाकी हैं. हम तुम्हारी परीक्षाओं के बाद सप्ताहांत में तुम्हारी पसंद की जगह छुट्टियां मनाने चलेंगे, मैं वादा करती हूं.”
तिरंगा पुरस्कार
जैसे ही वैली तितली ने टोटो चींटी को अपनी नई साइकिल पर तिरंगा झंडा लहराते हुए देखा, वह उड़ कर उस के पास आई और पूछा, “टोटो, तुम अपनी साइकिल पर तिरंगा झंडा लगा कर कहां जा रही हो?”
हमारा संविधान
26 जनवरी नजदीक आ रही थी और चंपकवन के निवासी गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारियों में व्यस्त थे. सबकुछ ठीक चल रहा था, तभी बैडी सियार के नेतृत्व में वनवासियों के एक ग्रुप ने जंगल के लिए अलग संविधान की मांग शुरू कर दी.
सर्प वर्ष
मिनयू अपने स्कूल परिसर में चारों ओर देख रही थी, वह उत्साह से चक्कर खा रही थी. वह लाइब्रेरी, क्लासरूम, जिम, म्यूजिक रूम और आर्ट रूम की ओर भागी, लेकिन कहीं भी किसी प्रकार की साजसजा नहीं थी. आखिर निराश हो कर वह देवदार के पेड़ के पास एक बेंच पर लेट गई.
दो जासूस
एक सुबह, निखिल और अखिल के पापा पार्क में टहलने के बाद उदास हो कर घर लौटे.
बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.