दानिया ने उन के लिए एक सुंदर सा स्वागत कार्ड बनाया और सोचा कि वह उन्हें अपनी ओर से सुपर स्पैशल ईद के उपहार के रूप में और क्या दे सकती है.
"शायद तुम कुछ आकर्षण और मोतियों का उपयोग कर के उन के लिए कंगन बना सकती हो,” दानिया को शिल्प किट बौक्स थमाते हुए उस की मम्मी ने उसे सुझाव दिया.
"अम्मी, आप सब से अच्छी हैं," दानिया ने क्राफ्टकिट बौक्स खोल कर हंसते हुए कहा. इस में चमकदार मोती, रंगीन तार और सुंदर आकर्षण थे. दानिया ने सुबह सुंदर कंगन बनाने में बिताई. उसने अलगअलग रंगों के मोतियों को चुना और तीन कंगन बनाए, एक एजा के लिए, एक रूही के लिए और एक अपने लिए.
दोपहर के भोजन के तुरंत बाद मम्मी उसे अपने मेहमानों को लेने के लिए शारजाह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ले गईं.
एजा और रूही दानिया से मिल कर बहुत खुश थीं. वे दोनों जुड़वां थीं और उन्हें अलग पहचानना मुश्किल था. उन्होंने सभी को हैरान करने के लिए एक जैसे कपड़े पहने थे.
सोहा मौसी ने उन का परिचय कराया और बताया कि उन्हें कैसे अलग पहचाना जाए. जब जुड़वां बच्चे शारजाह के नीले आकाश को देखने में व्यस्त थे तब उस ने उन से फुसफुसाते हुए कहा, "एजा रूही की तुलना में थोड़ा अधिक खिलखिलाती है."
रूही ने खिड़की से बाहर देखते हुए कहा, “तुम्हें पता है कि लंदन में ज्यादातर समय मौसम, धुसर और बारिश वाला होता है"
“यहां बहुत गरम और शुष्क धूप है. एजा ने हंसते हुए कहा.
दानिया और मम्मी हंसे, क्योंकि वे अब देख सकती थी कि कौन कौन है और सोहा मौसी उन्हें देख कर मुसकराई. सोहा मौसी के अनुरोध पर उन्होंने घर वापस जाने के लिए लंबा रास्ता अपनाया. "हम थके नहीं हैं और खूबसूरत शहर को देखना चाहते हैं."
वे कौर्निश से आगे बढ़े और मेहमानों ने खजूर और ताड़ के पेड़ों से सजे खूबसूरत पक्के रास्ते को हैरानी से देख कर कहा, "वाह."
घर पहुंचने पर दानिया ने उन्हें खुद तैयार किए उपहार दिए. लड़कियों को कार्ड बहुत पसंद आए और उन्होंने खुशीखुशी अपने नए कंगन पहने. एजा ने हरा और रूही ने लाल कंगन लिया, जिस से दानिया के पास नीला कंगन रह गया.
"अब उन्हें पहचानना आसान है," अम्मी हंसीं और सभी को ताजी लाबान छाछ पीने के लिए दी.
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बर्फीला रोमांच
\"अरे, सुन, जल्दी से मुझे दूसरा कंबल दे दे. आज बहुत ठंड है,” मीकू चूहे ने अपने रूममेट चीकू खरगोश से कहा.
अलग सोच
\"वह यहां क्या कर रहा है?\" अक्षरा ने तनुषा कुमारी, जबकि वह आधी अधूरी मुद्रा में खड़ी थी या जैसे उन की भरतनाट्यम टीचर गायत्री कहती थीं, अरामंडी में खुद को संतुलित कर रही थी.
दादाजी के जोरदार खर्राटे
मीशा और उस की छोटी बहन ईशा सर्दियों की छुट्टी में अपने दादादादी से मिलने गए थे. उन्होंने दादी को बगीचे में टमाटरों को देखभाल करते हुए देखा. उन के साथ उन की बूढ़ी बिल्ली की भी थी. टमाटरों के पौधों को तैयार करना था ताकि वे अगली गर्मियों में खिलें और फल दें.
कौन कर रहा था, मिस्टर चिल्स से खिलवाड़
वीर और उस के दोस्त अपनी सर्दियों की यात्रा के लिए दिन गिन रहे थे. वे नैनीताल जा रहे थे और बर्फ में खेलने और उस के बाद अंगीठी के पास बैठने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. आखिरकार जब वे नैनीताल पहुंचे, तो पहाड़ी शहर उन की कल्पना से भी ज्यादा मनमोहक था. बर्फ से जमीन ढक रखी थी. झील बर्फ की पतली परत से चमक रही थी और हवा में ताजे पाइन की खुशबू आ रही थी. यह एक बर्फीली दुनिया का दृश्य था, जो जीवंत हो उठा था.
मेरा संकल्प
जनवरी 2025 का पहला सप्ताह शुरू हो चुका था और 10 वर्षीय रोहन ने कोई संकल्प नहीं लिया था. वह जहां भी गया, स्कूल में, खेल के मैदान में और आसपड़ोस में सब जगह लोग नए साल के संकल्पों के बारे में बात कर रहे थे. रोहन भी एक महत्त्वपूर्ण और सार्थक संकल्प लेना चाहता था, लेकिन वह उलझन में था. वह एक ऐसा संकल्प लेना चाहता था, जो उस के लिए अच्छा हो और जिसे वह पूरे साल आसानी से पूरा कर सके.
सेल्वी का सरप्राइज
'चाय काप्पिई, चाय काप्पिई,' 'इडली वड़े, इडली वड़े,' बेचने वालों की तेज आवाज ने सेल्वी को जगा दिया. सूरज ढल चुका था और उस की ट्रेन अभी अभी तिरुनेलवेली जंक्शन में दाखिल हुई थी.
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
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