सुबह का समय था. घर के सभी लोग अपने काम में व्यस्त थे. कृष बालकनी में खड़ा बाहर के नजारे देख रहा था. वृक्षों के पीछे से सूरज झांक रहा था, पक्षी चहचहा रहे थे, कोयल कूक रही थी, चारों तरफ हरियाली थी. कुछ लोग नजर आ रहे थे. इस से पहले ऐसा मनमोहक दृश्य उस ने कभी नहीं देखा. कृष के लिए सबकुछ नया और सुहावना था.
चारों तरफ देखने पर कृष को बालकनी में अपनी किताबों की रैक पर एक अंडा दिखाई दिया. कृष ने वह अंडा उठाया और सोचा कि यह तो छोटी सी गेंद है. उस ने घूम कर देखा तो यह अंडा था. उस ने मम्मी को कई बार आमलेट बनाते देखा था.
वह दौड़ कर मम्मी के पास गया और बोला, "मम्मी, यह देखो, मुझे अंडा मिला है."
मम्मी ने कृष के हाथ में अंडा देख कर पूछा, "यह अंडा तुम्हें कहां मिला?"
कृष ने बालकनी की तरफ इशारा किया और कहा, "मम्मी, यह मुझे किताबों की रैक पर मिला."
"रैक पर, लेकिन वहां अंडा कहां से आ गया?"
"यह तो मुझे नहीं पता, मम्मी? पर मैं वहीं से लाया हूं."
"ठीक है, जाओ इसे कूड़ेदान में फेंक दो."
"क्यों मम्मी, यह मुझे मिला है, मैं इसे कूड़ेदान में नहीं डालूंगा," कृष ने हठपूर्वक कहा.
मम्मी ने कहा, "बेटे, इस अंडे को कूड़ेदान में डाल दो, पता नहीं यह कैसा है, कहां से आया है, मैं तुम्हारे लिए ऐसे कई अंडे मंगा दूंगी."
कृष ने मम्मी की बात मानी और अंडा कूड़ेदान में फेंक दिया.
अगली सुबह कृष फिर बाहर बालकनी में खेल रहा था तो उस ने रैक पर फिर एक अंडा देखा.
अंडा देखते ही कृष के चेहरे पर चमक आ गई और वह अंडे की तरफ हाथ नचाते हुए बोला, "हैलो, मिस्टर एग, तुम फिर आ गए, मैं ने तो कल तुम्हें कूड़ेदान में डाल दिया था, तुम्हारा वहां दिल नहीं लगा क्या?"
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अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.
बच्चों के प्रिय चाचा नेहरू
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था, \"मेरे पास वयस्कों के लिए भले ही समय न हो, लेकिन बच्चों के लिए पर्याप्त समय है.\"
दीवाली पोस्टर प्रतियोगिता
\"अरे जंपी, मैं ने सुना है कि हरितवन के राजा दीवाली पर बच्चों के लिए रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैं,\" चीकू खरगोश ने जंपी बंदर से कहा.
डागाजी की पटाखा दुकान
\"तुम हर दुकान पर जा कर पटाखों की कीमत क्यों पूछ रहे हो, विदित? तुम्हारे पापा ने तुम्हारे लिए पहले ही हजार रुपए के पटाखे खरीद लिए हैं, चलो, मुझे अभी दीये और मिठाई भी खरीदनी है,\" विदित की मां ने झल्लाते हुए कहा.
मोबाइल वाला चूहा
रिकी चूहा अपने बिल से बाहर निकला और किसी काम के लिए चल पड़ा. कैटी बिल्ली ने उसे देखा और पकड़ने के लिए दौड़ी, लेकिन रिकी उस से ज्यादा स्मार्ट निकला.
हैलोवीन कौस्ट्यूम पार्टी
नंदू हैलोवीन पार्टी के लिए सोहम के घर पहुंचने वाला पहला व्यक्ति था.
सीधा सादा सौदा
मणि ने जब उसने हौल में प्रवेश किया तो था 'को अपने दोस्तों के साथ बहस करते हुए सुना.
आइए, रोबोटिक्स मार्बल्स से मिलिए
वेआम किशोरों की तरह देख सकते हैं, लेकिन 10 बच्चों की यह टीम हाईस्कूल के छात्रों के लिए दुनिया की सब से रोबोटिक्स चुनौती है. 13 से 17 वर्ष की उम्र के प्रत्येक सदस्य ने 26 से 29 सितंबर को एथेंस ग्रीस में संपन्न हुए फर्स्ट ग्लोबल चैलेंज (एफजीसी) में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया.