मुकेश कर्दम और हसन दोनों ही ऐसे समलैंगिक थे, जिन में मर्द व औरत दोनों तरह के रिश्ते बनाने की खूबियां थीं. इस के अलावा मुकेश में कुछ ऐसी आदतें भी थीं, जो आमतौर पर यौन विकृत लोगों में होती हैं. मसलन उसे हाथपांव बांध कर संबंध बनाने में बेहद आनंद आता था. मुकेश ने जब अपनी ख्वाहिश हसन को बताई तो उस को बड़ा अजीब सा लगा. लेकिन थोड़ी नानुकुर के बाद वह अपने हाथ और पांव बंधवाने के लिए तैयार हो गया.
इस के बाद मुकेश ने हसन के साथ शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन अपने विकृत अप्राकृतिक प्यार के दौरान मुकेश ने हसन को इतनी बुरी यातनाएं दीं कि हसन का दिल दहल गया.
हसन मुकेश से लाख मिन्नतें करता रहा, लेकिन उन्माद में अंधे हो चुके मुकेश के ऊपर उस की चीखों का भी कोई असर नहीं हुआ, बल्कि इस सब से मुकेश को और ज्यादा आनंद की अनुभूति हो रही थी.
जो दौर मुकेश ने हसन के साथ किया था, वही बारी अब हसन की थी. अब बारी मुकेश के हाथ और पांव बांधने की थी. जिस के बाद हसन ने उसे बिस्तर पर उलटा लिटा दिया. हसन ने भी उस के साथ संबंध बनाए. इस के बाद हसन हापुड़ से अपने घर लौट गया.
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