हर देश में कम या ज्यादा मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक मुनाफा देनी वाली फसल है. इस के बिकने में ज्यादा दिक्कत नहीं आती है. लेकिन अगर किसान लापरवाही बरतने लगते हैं, तो मिर्च में लगने वाले कीट व रोग इसे खराब कर देते हैं.
लेकिन इस से किसानों को घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि इन कीटों व रोगों का प्रबंधन करना कोई बड़ा काम नहीं है. आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से:
पीली माइट कीट
यह पीले रंग की छोटी माइट है. यह कीट आकार में इतना छोटा होता है, जो आसानी से दिखाई नहीं देता है. इस कीट का प्रकोप होने पर पर्ण कुंचन (लीफ कर्ल) की तरह पत्तों में सिकुड़न आ जाती है. इस कीट के शिशु व प्रौढ़ दोनों ही पत्तियों का रस चूस कर हानि पहुंचाते हैं. इस का बहुत ज्यादा प्रकोप होने पर पौधों की बढ़वार रुक जाती है और फलनेफूलने की क्षमता तकरीबन खत्म सी हो जाती है.
मिर्च का रसाद कीट (थ्रिप्स)
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बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 7 अक्तूबर, 2024 को मूंगफली पर अनुसंधान एवं विकास को उत्कृष्टता प्रदान करने और किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ के साथ समझौतापत्र पर हस्ताक्षर किए.
खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
यह महीना खेतीबारी के नजरिए य से बहुत खास होता है इस महीने में जहां खरीफ की अधिकांश फसलों की कटाई और मड़ाई का काम जोरशोर से किया जाता है, वहीं रबी के सीजन में ली जाने वाली फसलों की रोपाई और बोआई का काम भी तेजी पर होता है.
किसान ने 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडारगृह बनाया
रकार की मंशा है कि खेती लाभ का धंधा बने. इस के लिए शासन द्वारा किसान हितैषी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
खेती के साथ गौपालन : आत्मनिर्भर बने किसान निर्मल
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जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत
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