उत्तर प्रदेश में धान का उत्पादन तकरीबन 15.5 मिलियन टन और उत्पादकता तकरीबन 26.18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. धान की फसल को बहुत से हानिकारक कीट नुकसान पहुंचाते हैं, जिन का प्रबंधन कर के धान की उपज में वृद्धि की जा सकती है. धान की फसल में लगने वाले कीट और प्रबंधन इस प्रकार है :
प्रमुख कीट
भूरा फुदका : ये कीट छोटे आकार के लगभग 3-4 मिलीमीटर लंबे होते हैं. मादा कीट के उदर का आखिरी भाग गोलाकार होता है और नर कीट मादा कीट की अपेक्षा पतले एवं गहरे रंग के होते हैं. ये कीट स्वभाव में आलसी होते हैं और विचलित करने या हाथ से छूने पर थोड़ा सा आगे सरक जाते हैं.
हानि का स्वभाव : इस कीट के शिशु और प्रौढ़ दोनों ही नुकसान पहुंचाते हैं और लगातार पौधों से रस चूसते रहते हैं, जिस से पौधों की पत्तियां पीली पड़ कर सूखने लगती हैं.
इस कीट का अधिक प्रकोप होने पर खेत में गोल घेरों के आकार में फसल झुलसी हुई दिखाई देती है, जिसे 'हौपर बर्न' कहते हैं. इस कीट का प्रकोप अगस्तसितंबर माह से फसल पकने की अवस्था तक होता है.
हरा फुदका : पिछले कुछ वर्षों से यह कीट एक गंभीर समस्या बना हुआ है और सामान्यत फसल को लगभग 10 से 20 फीसदी तक नुकसान पहुंचाता है. इस के प्रौढ़ कीट की लंबाई लगभग 3 से 5 मिलीमीटर होती है और इन का चेहरा उभरा हुआ होता है. इन का आकार तिकोना होता है और यह कीट तिरछा हो कर चलता है.
हानि का स्वभाव : ये कीट पत्तियों की निचली सतह पर रहते हैं. शिशु और प्रौढ़ दोनों ही पौधों से रस चूसते हैं, जिस से पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और किनारे लाल हो कर सूख जाते हैं.
इस कीट का अधिक प्रकोप पौधों के बढ़वार के समय होता है. पौधे छोटे रह जाते हैं और पौधों में बालियां और दानों की संख्या में कमी आ जाती है. पौधों से रस चूसने के दौरान यह कीट मधु स्राव छोड़ता है, जिस से काला फफूंद पैदा हो जाता है. नतीजतन, पौधों में प्रकाश संश्लेषण क्रिया प्रभावित होती है.
इस के अलावा यह विषाणु रोग भी फैलाते हैं. इस कीट का प्रकोप आमतौर पर अगस्तसितंबर से अक्तूबरनवंबर माह तक होता है.
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 7 अक्तूबर, 2024 को मूंगफली पर अनुसंधान एवं विकास को उत्कृष्टता प्रदान करने और किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ के साथ समझौतापत्र पर हस्ताक्षर किए.
खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
यह महीना खेतीबारी के नजरिए य से बहुत खास होता है इस महीने में जहां खरीफ की अधिकांश फसलों की कटाई और मड़ाई का काम जोरशोर से किया जाता है, वहीं रबी के सीजन में ली जाने वाली फसलों की रोपाई और बोआई का काम भी तेजी पर होता है.
किसान ने 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडारगृह बनाया
रकार की मंशा है कि खेती लाभ का धंधा बने. इस के लिए शासन द्वारा किसान हितैषी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
खेती के साथ गौपालन : आत्मनिर्भर बने किसान निर्मल
आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ ले कर उन्नत नस्ल का गौपालन कर किसान एवं पशुपालक निर्मल कुमार पाटीदार एक समृद्ध पशुपालक बन गए हैं.
जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत
हमारे देश में कृषि से जुड़ी फल, फूल और अनाज की ऐसी कई किस्में हैं, जो केवल क्षेत्र विशेष में ही उगाई जाती हैं. अगर इन किस्मों को उक्त क्षेत्र से इतर हट कर उगाने की कोशिश भी की गई, तो उन में वह क्वालिटी नहीं आ पाती है, जो उस क्षेत्र विशेष \" में उगाए जाने पर पाई जाती है.
पराली प्रबंधन पर्यावरण के लिए जरूरी
मौजूदा दौर में पराली प्रबंधन का मुद्दा खास है. पूरे देश में प्रदूषण का जहर लोगों की जिंदगी तबाह कर रहा है और प्रदूषण का दायरा बढ़ाने में पराली का सब से ज्यादा जिम्मा रहता है. सवाल उठता है कि पराली के जंजाल से कैसे निबटा जाए ?
मक्का की नई हाईब्रिड किस्म एचक्यूपीएम-28
हरियाणा के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, करनाल ने चारे के लिए अधिक पैदावार देने वाली उच्च गुणवत्तायुक्त प्रोटीन मक्का (एचक्यूपीएम) की संकर किस्म एचक्यूपीएम 28 विकसित की है.
लाख का बढ़ेगा उत्पादन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत में लाख का उत्पादन मुख्य रूप से आदिवासी समुदाय द्वारा किया जाता है.
धान की कटाई से भंडारण तक की तकनीकी
धान उत्पादन की दृष्टि से भारत दुनिया में सब से बड़े देशों में गिना जाता है.