बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर उन्हें हर मुसीबत से बचाया जा सकता है। खासकर उनकी मालिश और नहलाने को लेकर खासी सावधानी बरतनी चाहिए। साथ ही नन्हे शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है, उसकी सही देखभाल और लालन पालन में सावधानी उसे मजबूत बनाती है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडिएट्रिक्स बच्चे को नहलाने के लिए ऐसी पद्धति की सलाह देती है, जो बच्चे की विभिन्न इंद्रियों के विकास में भी सहयोग करे। साथ ही नन्हे बच्चे के लिए मालिश और स्नान को आरामदायक और सुकूनभरा अहसास सुकूनभरा अहसास बनाने की कोशिश की जानी चाहिए। नहलाने के दौरान बच्चे से ज्यादा से ज्यादा बातचीत की जानी चाहिए।
मालिश बनाएगी मजबूत
बच्चा चूंकि मां की गर्भ में बंधा हुआ सा होता है अत: उसकी जोड़ों को खोलने के लिए और हड्डियों की मजबूती के लिए मालिश सबसे अहम है। अक्सर लोग मालिश के लिए दाई पर निर्भर रहते हैं पर कोशिश यही करें कि बच्चे के मालिश कोई रिश्तेदार जैसे दादी, नानी, बुआ या फिर मां ही करे। मां के हाथों का प्यार भरा स्पर्श बच्चे को सुरक्षा का अहसास दिलाता है। रोजाना बच्चे को नहलाने से पहले उसकी मालिश जरूर करनी चाहिए। मालिश से न केवल बच्चे के शरीर को आवश्यक पोषण मिलता है। बल्कि उसके शरीर की कसरत भी होती है।
कैसे करें मालिश
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
विदेशों में भी लोकप्रिय दीपावली
दीपावली के अवसर पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक दीपों की जगमगाहट और पटाखों की गूंज होती है। लेकिन यह त्यौहार सरहद और सात समंदर पार भी उसी उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। कहां और कैसे, जानें लेख से।
शक्ति आराधना के साढ़े तीन पीठ
महाराष्ट्र में कोल्हापुर, तुलजापुर, माहूर और नासिक इन स्थानों पर मां अंबे के साढ़े तीन पीठ हैं। ये सभी शक्ति पीठ जागृत धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध हैं। इनके महत्त्व और आख्यायिकाओं के बारे में जानें इस लेख से।
बढ़ती आबादी बनी चुनौती
विश्व की जनसंख्या सात अरब से भी पार जा चुकी है। अगर अपने देश भारत की बात करें तो यह संख्या दुनिया की कुल आबादी का 17.78% है। भारत विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है।
दीपावली में रंग भरती रंगोली
रंगोली लोकजीवन का एक बहुत ही अभिन्न अंग है। देश के विभिन्न हिस्सों में रंगोली सजाने का अपना अलग-अलग स्वरूप है। दीपावली के मौके पर इसका महत्त्व और भी बढ़ जाता है।
धनतेरसः मान्यताएं और खरीदारी
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को यानी धनवंतरि त्रयोदशी को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। दीपावली से दो दिन पूर्व मनाया जाता है धनतेरस। इस दिन सोना-चांदी आदि खरीदना शुभ मानते हैं। धनतेरस के महत्त्व को जानें इस लेख से।
लक्ष्मी को प्रिय उल्लू, कौड़ी और कमल
हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी को धन और प्रतिष्ठा की देवी मानते हैं तो उनके वाहन उल्लू को भी भारतीय संस्कृति में धन-संपत्ति के प्रतीक के रूप में माना जाता है। इसके साथ ही कौड़ी और कमल का भी मां लक्ष्मी से गहरा नाता है।
सब दिन होत ना एक समाना
पुष्पक विमान में बैठ कर राम, सीता व लक्ष्मण अनेक तीर्थस्थलों का भ्रमण करने के पश्चात अयोध्या लौट रहे थे। चौदह वर्ष पश्चात अपनी मातृभूमि के दर्शन के इस विचार से ही श्रीराम गदगद् हो उठे।
जय मां नीलेश्वरी काली जन्म दाती से जगत जननी तक
डस पृथ्वी पर धरा एक ऐसी शक्ति है जिसमें सभी बुद्धिजीवी प्राणी कृपा पाते हैं, जिसके रूप अनेक हैं, कोई किसी नाम से कोई किसी नाम से मां आदि शक्ति की पूजा करते हैं।
नौ कन्याओं का पूजन क्यों?
नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्त्व है। नौ कन्याओं को नौ देवियों के रूप में पूजन कर अपने सामर्थ्यनुसार दक्षिणा देकर भक्त माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
बिना कसरत के वजन कम करें, अपनाएं ये टिप्स
व्यायाम के बिना वज़न घटाने के इन चमत्कारी तरीक़ों पर गौर करें और बिना व्यायाम के अपना वज़न घटाने की शुरुआत करें।