सौंफ
सौंफ रसोई के मसालों में तो काम आती ही है इसके साथ ही इसका उपयोग घरेलू चिकित्सा के रूप में भी किया जाता है।
गुण
सौंफ रुचिकर हल्की और अग्निप्रदीपक होती है। इसके सेवन से अन्नपाचन सही ढंग से होता है। शायद इसीलिए भोजन के पश्चात् मुखशुद्धि के लिए सौंफ खाने का प्रचलन है। अन्नपान के बाद इसके सेवन से मुख तो शुद्ध होता ही है, साथ ही इसको चबा-चबा कर खाने से जो रस निकलता है, वह खाए हुए आहार को पचाता है। यह वीर्यवर्द्धक, बलदायक व नेत्रों के लिए हितकारी होती है। वायु, वमन, अतिसार को शमन करने वाली होती है। सौंफ के सुगंधित होने के कारण दस्तावर औषधियों को सुगंधित करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
उपयोग
सौंफ रसोई का सुपरिचित पदार्थ है। यह साग-सब्जी के मसालों का एक अनिवार्य अंग है। इसके बिना साग-सब्जी में कोई स्वाद नहीं आ सकता, इसके अतिरिक्त अचार बनाने में भी इसका उपयोग होता है। इसका औषधि के रूप में घरेलू दवा की तरह भी प्रयोग किया जाता है।
घरेलू इलाज
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