भारतीय मनीषियों के अनुसार सूर्यग्रहण का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वैसे तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है मगर इसका बहुत अधिक ज्योतिषीय व वैज्ञानिक महत्व होता है। ग्रहण का देश-दुनिया पर शुभ व अशुभ दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है। विज्ञान के साथ-साथ इसका अध्यात्म में भी काफी अधिक महत्व है। सबसे पहले हम ग्रहण के पीछे की पौराणिक कथा जानेंगे।
ग्रहण के पीछे की पौराणिक कथा
विज्ञान के अनुसार जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक ही सीध में आ जाते हैं सूर्य ग्रहण लगता है लेकिन इसके पीछे कुछ पौराणिक मान्यता है कि राहु केतु के कारण ग्रहण की स्थिति बनती है। सूर्य ग्रहण को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार जब देवताओं और दैत्यों के बीच समुद्र मंथन शुरू हुआ तो उसमें से अमृत कलश निकला। देवताओं और दैत्यों में अमृत कलश को लेकर विवाद शुरू हो गया। देवताओं को चिंता थी कि यदि दैत्यों अमृत पीलिया तो दैत्य अमर हो जाएंगे और हर जगह इनका राज्य हो जाएगा तब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया और दैत्यों से अमृत का कलश लेकर देवताओं को अमृतपान करा दिया लेकिन
देवताओं के बीच में राहु रूप बदलकर बैठ गया था। चंद्रमा और सूर्य ने उसे पहचान लिया और भगवान विष्णु को यह बात बता दी, जिसे सुनकर भगवान विष्णु ने तुरंत ही सुर्दशन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया मगर तब तक उन्होंने अमृत का बूंद ग्रहण कर लिया था इसलिए सिर और धड़ अलग हो जाने के उपरांत भी जीवित रहा। उनका सिर राहु और शरीर केतु बन गया। अपनी इस स्थिति के लिए चंद्र और सूर्य को जिम्मेदार मानने वाले राहु व केतु इसी बात का बदला लेने के लिए चंद्र और सूर्य पर समय-समय पर आक्रमण करते हैं। इसी प्रक्रिया में ग्रहण लगता है। सूर्य ग्रहण के कितने प्रकार हैं हम इसके विषय में जानेंगे-
सूर्यग्रहण के प्रकार
जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, जिससे पृथ्वी पर छाया पड़ती है। जो कुछ क्षेत्रों में सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से अवरुद्ध कर देती है। ऐसा कभी-कभार ही होता है, क्योंकि चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी की तरह ठीक उसी तल में परिक्रमा नहीं करता है। जिस समय वे संरेखित होते हैं उसे ग्रहण ऋतु रूप में जाना जाता है, जो वर्ष में दो बार होता है।
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
पहली सर्दी में नवजात शिशु का रखें खास ध्यान
वैसे तो सर्दियों का मौसम सभी के लिए कुछ अलग ही एहसास लेकर आता है, लेकिन नवजात और उसकी मां के लिए ये मौसम बेहद ख़ास होता है। नवजात शिशु की मां हर पल इसी चिंता में डूबी रहती है कि कहीं बच्चे को ठंड और वो बीमार न पड़ जाए।
वास्तु उपायों से बनाएं नववर्ष को मंगलमय
नया साल अपने साथ खुशियां और सौहार्द लेकर आता है। ऐसे में पूरे वर्ष को और भी ज्यादा वास बनाने के लिए वास्तु संबंधित कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। इससे घर की परेशानियां दूर होने के साथ आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलेगा।
ज्योतिर्लिंग, रावणेश्वर महादेव
शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है पूर्वी भारत में देवधर के 'रावणेश्वर महादेव'। उनके देवधर में आवास की कथा बेहद रोचक और अद्भुत है। लंकापति रावण की मां शिवभक्त थी।
ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा
सू एपलटन अपने पूर्व जन्म से ही ओशो की प्रेमिका रही है। अप्रैल 1971 में ओशो द्वारा संन्यास दीक्षा ग्रहण की। ओशो उसे नया नाम मा योग विवेक दिया। मा विवेक दिसंबर 09, 1989 को अपने भौतिक जीवन से पृथक हो गई।
मुझे कभी मृत मृत समझना मैं सदा वर्तमान हूं
ओशो ने मृत्यु को उसी सहजता और हर्ष से वरण किया था जिस प्रकार से एक आम व्यक्ति जीवन को करता है। उन्होंने जगत को यही संदेश दिया कि मृत्यु के प्रति सदा जागरूक रहो, उसे वरण करो। आज ओशो भले ही अपना शरीर छोड़ चुके हों लेकिन अपने विचारों के माध्यम से वो आज विश्व में कहीं ज्यादा विस्तृत, विशाल रूप से मौजूद हैं।
सर्दी बीतेगी मजेदार, जब अपनाएंगी ये 7 घरेलू नुस्खे
हम आपको ऐसे 7 टिप्स देने जा रहे हैं, जो आपको जाड़े की असल खुश महसूस करने में पूरी मदद करेंगे। इन 7 टिप्स के सहारे आप सर्दी खुशी-खुशी महसूस कर पाएंगी।
सर्दियों में कैसे रखें बच्चों का ख्याल
गर्मियों की तपिश के बाद ठंडी हवाओं के चलते ही मन राहत महसूस करने लगता है, मगर यही सर्द हवाएं अपने साथ रूखापन, खांसी और जुकाम जैसी सौगात लेकर आती हैं, जो बड़े बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी परेशानी का सबब बन जाती हैं। अगर आप भी सर्दियों में अपने बच्चों को रखना चाहती हैं स्वस्थ, तो बरतें ये खास सावधानियां -
डायबिटीज के कारण यूटीआई का खतरा
यूं तो यूटीआई महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है, पर मधुमेह के कारण यूटीआई के संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
माहवारी में रखें स्वास्थ्य का ध्यान
पीरियड्स के दौरान हाइजीन रखना बहुत जरूरी है, जिससे किसी तरह का इंफेक्शन न हो सके। आज भी बहुत सी महिलाएं हैं, जो सैनेटरी पैड्स की जगह कपड़ा इस्तेमाल करती हैं। ऐसा करने से महिलाओं में कई तरह की बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सैनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के लिए महिलाओं को जागरूक करना बहुत आवश्यक है।
वजन कम करने के लिए 5 प्रचलित आहार
आजकल लोग वजन कम करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं, जिसमें एक निश्चित डाइट फॉलो करना सबसे अहम तरीका है। आइए जानते हैं विभिन्न तरह के डाइट के प्रकारों के बारे में -