परमात्मा को देखना तुम्हें कठिन है, क्योंकि उसे पाने के लिए पात्र को तैयार करना पड़ेगा । उसे संभालने के लिए तुम्हें तैयार होना पड़ेगा। गुरु को देखना आसान है, क्योंकि गुरु मध्य की कड़ी है। वह कुछ तुम जैसा है और कुछ तुम जैसा नहीं। अगर तुमने वही देखा, जो तुम जैसा है तो तुम कहोगे कि क्या है, एक आदमी, हमारे जैसा ही ! क्यों पूजें ? क्यों चरण में सिर झुकाएं? किसको समर्पण करें ? क्यों करें- क्या है खूबीहमारे जैसा। अगर तुमने वही देखा जो तुम्हारे जैसा है- जो कि है - और अगर तुम उसे देखोगे तो तुम दूसरे हिस्से को न देख पाओगे जो तुम्हारे जैसा नहीं है । अगर तुमने खोज की, प्रेमपूर्ण खोज की तो तुम जल्दी ही गुरु में वह भी पा जाओगे जो तुम्हारे जैसा नहीं है। बस, फिर संबंध बना और गुरु को तुम सह पाओगे, क्योंकि वह आधा तुम्हारे जैसा है। वह तुम्हारी तरफ हाथ बढ़ा सकता है और तुम्हें सहारा दे सकता है। हो परमात्मा की खोज में गुरु बीच का पड़ाव है। सीधे यात्रा तुम न कर पाओगे। बीच के पड़ाव से तुम्हें विश्राम मिलेगा और बीच के पड़ाव में तुम तैयार हो जाओगे आगे की यात्रा के लिए। गुरु पाथेय है, गुरु भोजन है। वह तुम्हें तैयार कर देगा। एक दिन तुम भी उसी जगह पहुंच जाओगे'सतगुरु नूर तमाम' जहां तुम भी नूर जाओगे, प्रकाश ही प्रकाश हो जाओगे। गुरु एक अनूठी घटना है। गुरु इस जगत में सबसे बड़ा चमत्कार है, क्योंकि वह होता है आदमी जैसा और फिर भी उसमें है जो आदमी जैसा नहीं है। वह किसी दूसरे लोक की खबर ले आया है। उसने कुछ देखा है-कोई नूर, कोई प्रकाश, जिसकी झलक तुम उसकी आंखों में देख सकते हो। लेकिन तुम्हारे ऊपर निर्भर है।
अगर तुमने वही देखा जो तुम्हारे जैसा है। और बहुत कुछ तुम्हारे जैसा है, देह तुम्हारे जैसी है, भूख-प्यास तुम्हारे जैसी है, सोना-जागना तुम्हारे जैसा है, सुख-दुख तुम्हारे जैसे हैं।
अगर तुमने वही देखा तो वह काफी है देखने को। तुम उसी में खो जाओगे, द्वार बंद हो जाएगा तुम्हारे लिए, तुम्हारे ही कारण। अगर तुम किसी आदमी में ऐसी चीज पा लो जो तुम्हारे जैसी नहीं है तो सहारा पकड़ लेना। वह आदमी तुम्हारे लिए कीमिया हो जाएगा। उसके सहारे तुम बदलना शुरू हो जाओगे।
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पहली सर्दी में नवजात शिशु का रखें खास ध्यान
वैसे तो सर्दियों का मौसम सभी के लिए कुछ अलग ही एहसास लेकर आता है, लेकिन नवजात और उसकी मां के लिए ये मौसम बेहद ख़ास होता है। नवजात शिशु की मां हर पल इसी चिंता में डूबी रहती है कि कहीं बच्चे को ठंड और वो बीमार न पड़ जाए।
वास्तु उपायों से बनाएं नववर्ष को मंगलमय
नया साल अपने साथ खुशियां और सौहार्द लेकर आता है। ऐसे में पूरे वर्ष को और भी ज्यादा वास बनाने के लिए वास्तु संबंधित कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं। इससे घर की परेशानियां दूर होने के साथ आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलेगा।
ज्योतिर्लिंग, रावणेश्वर महादेव
शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है पूर्वी भारत में देवधर के 'रावणेश्वर महादेव'। उनके देवधर में आवास की कथा बेहद रोचक और अद्भुत है। लंकापति रावण की मां शिवभक्त थी।
ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा
सू एपलटन अपने पूर्व जन्म से ही ओशो की प्रेमिका रही है। अप्रैल 1971 में ओशो द्वारा संन्यास दीक्षा ग्रहण की। ओशो उसे नया नाम मा योग विवेक दिया। मा विवेक दिसंबर 09, 1989 को अपने भौतिक जीवन से पृथक हो गई।
मुझे कभी मृत मृत समझना मैं सदा वर्तमान हूं
ओशो ने मृत्यु को उसी सहजता और हर्ष से वरण किया था जिस प्रकार से एक आम व्यक्ति जीवन को करता है। उन्होंने जगत को यही संदेश दिया कि मृत्यु के प्रति सदा जागरूक रहो, उसे वरण करो। आज ओशो भले ही अपना शरीर छोड़ चुके हों लेकिन अपने विचारों के माध्यम से वो आज विश्व में कहीं ज्यादा विस्तृत, विशाल रूप से मौजूद हैं।
सर्दी बीतेगी मजेदार, जब अपनाएंगी ये 7 घरेलू नुस्खे
हम आपको ऐसे 7 टिप्स देने जा रहे हैं, जो आपको जाड़े की असल खुश महसूस करने में पूरी मदद करेंगे। इन 7 टिप्स के सहारे आप सर्दी खुशी-खुशी महसूस कर पाएंगी।
सर्दियों में कैसे रखें बच्चों का ख्याल
गर्मियों की तपिश के बाद ठंडी हवाओं के चलते ही मन राहत महसूस करने लगता है, मगर यही सर्द हवाएं अपने साथ रूखापन, खांसी और जुकाम जैसी सौगात लेकर आती हैं, जो बड़े बुजुर्गों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी परेशानी का सबब बन जाती हैं। अगर आप भी सर्दियों में अपने बच्चों को रखना चाहती हैं स्वस्थ, तो बरतें ये खास सावधानियां -
डायबिटीज के कारण यूटीआई का खतरा
यूं तो यूटीआई महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है, पर मधुमेह के कारण यूटीआई के संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
माहवारी में रखें स्वास्थ्य का ध्यान
पीरियड्स के दौरान हाइजीन रखना बहुत जरूरी है, जिससे किसी तरह का इंफेक्शन न हो सके। आज भी बहुत सी महिलाएं हैं, जो सैनेटरी पैड्स की जगह कपड़ा इस्तेमाल करती हैं। ऐसा करने से महिलाओं में कई तरह की बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सैनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के लिए महिलाओं को जागरूक करना बहुत आवश्यक है।
वजन कम करने के लिए 5 प्रचलित आहार
आजकल लोग वजन कम करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं, जिसमें एक निश्चित डाइट फॉलो करना सबसे अहम तरीका है। आइए जानते हैं विभिन्न तरह के डाइट के प्रकारों के बारे में -