कनक समान कलेवर यानी सोने-सी दमकती त्वचा। नारी के सबसे बड़े स्वरूप को हम देवी कहते हैं। और देवी की कल्पना ज्यादातर सभ्यताओं में सोने-सी दमकती त्वचा वाली होती है। कहीं उन्हें गोल्डेन गॉडेस बोल देते हैं तो कहीं गोल्डेन एंजल । आमतौर पर हम उन्हीं चीजों को आत्मसात करना चाहते हैं, जिन्हें हम परम मानते हैं । इसी क्रम में त्वचा की बात की जाए तो उसकी गिनती भर की चाहतों पर भारत में पूरे 2.6 बिलियन डॉलर का स्किन केयर का बाजार खड़ा है। इन चाहतों में अव्वल हैं दमकती, बेदाग और बिना झुर्रियों वाली त्वचा। इस चाहत को पूरा करने के लिए बाजार में एक से बढ़कर एक सस्ते से लेकर सोने की कीमत जितने महंगे उत्पाद मौजूद हैं। अब सोने जितना महंगा दाम है तो उसमें सोने जैसा कुछ होना भी तो चाहिए। देखा जाए तो ज्यादातर उत्पादों में एक जैसी सामग्री इस्तेमाल होती है। ज्यादातर में ऐसी चीजें इस्तेमाल होती हैं जो त्वचा से जुड़ी लगभग हर समस्या से निजात दिलाती हों। इनमें से एक है, सोना। अब आपने गोल्ड फेशियल, गोल्ड क्रीम, गोल्ड सिरम जैसे कई उत्पादों के बारे में सुना होगा। तो क्या वाकई इनमें सोना होता है? और होता भी है तो सोने का हमारी त्वचा से क्या लेना-देना?
त्वचा के लिए सोना
सोने की एक अच्छी बात यह है कि शरीर उसे आसानी से स्वीकार कर लेता है। इसके फायदे बताती हुई ब्यूटी एक्सपर्ट डॉ. भारती तनेजा बताती हैं सोने में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं जो उसे कीमती बनाते हैं। आप चाहें इसे जेवर के तौर पर पहनें, इसे किसी कॉस्मेटिक के रूप में इस्तेमाल करें या फिर इसके बर्तन में पानी पिएं या भोजन करें, इन सभी तरीकों से सोने के गुण हमारे शरीर को मिलते हैं। यही कारण है कि सोना पहनने और उसे तमाम तरीकों से इस्तेमाल करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इससे मिलने वाले फायदों के कारण ही इसे आयुर्वेद की दवाओं में भी इस्तेमाल किया जाता है।
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