पिछले दिनों पारिवारिक दोस्त व लॉयर अनुभा जैन से बात हो रही थी। उन्होंने बातों-बातों में बताया कि इस समय उनके पास जो केस आया हुआ है, उसमें पत्नी ने पति पर यह आरोप लगाया है कि हम दोनों की एक भी आदतें नहीं मिलतीं, 'मेरे पति हर समय शास्त्रीय संगीत सुनना चाहते हैं, उनका ज्यादातर समय योग, ध्यान और संगीत में बीतता है। वो मेरे साथ बाहर घूमने नहीं आते, मेरी आदतें उन्हें बेकार लगती हैं। ऐसे आदमी के साथ कैसे साथ रह सकती हूं?" अनुभा ने कहा, 'अगर पति की कुछ आदतें पत्नी अपना लेतीं और पत्नी की कुछ पति, तो शायद उनके बीच तलाक की नौबत नहीं आती।'
द जर्नल ऑफ हैप्पी स्टडीज में छपे एक सर्वेक्षण के अनुसार ज्यादातर वही जोड़े खुश रहते हैं, जो एक-दूसरे के मित्र होते हैं। मित्र होने की एक जरूरी शर्त है कि कुछ आपकी रुचियां, सोच आपस में मिलती हों। रिलेशनशिप काउंसलर डॉक्टर आशा शर्मा कहती हैं, 'जब भी कोई कपल मेरे पास घरेलू झगड़ों की वजह से काउंसलिंग के लिए आता है, सबसे पहले मैं यह पता करने की कोशिश करती हूं कि उन दोनों का आपसी रिश्ता कैसा है। अगर पति-पत्नी एक-दूसरे को समझते हैं, दोस्ताना व्यवहार करते हैं, एक-दूसरे के शौक और कामों में शामिल होते हैं, तो इस बात की संभावना बहुत कम है कि वो अपने झगड़े बाहर ले कर आएं। मैं युवाओं से यही कहती हूं कि अपने जीवनसाथी को अपना दोस्त बनाओ। जिंदगी की छोटीमोटी दिक्कतें खत्म हो जाएंगी।'
बेस्ट सेलर किताब 'द सेवन प्रिंसिपल ऑफ मेकिंग मैरिज वर्क' के लेखक डॉक्टर जॉन एम गॉटमैन ने अपनी किताब में लिखा है, 'शादी की सफलता के नुस्खे बाजारों में नहीं मिलते। आपको अपना नुस्खा खुद ईजाद करना होता है। पर, एक आजमाया हुआ नुस्खा है कि अपने पार्टनर से दोस्ती का रिश्ता बनाएं। इसके लिए आपको एक दोस्त की तरह संयम, प्रेम और विश्वास के साथ बर्ताव करना होगा। अपने पार्टनर की खूबियों, कमियों और चुनौतियों को जानना होगा। उसकी पसंद में उसका साथ देना होगा। अगर दोनों ऐसा कर सकें, तो उनकी जिंदगी खुशहाल बीतेगी।'
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लौंग दा लश्कारा
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