मक्के व बाजरे की रोटी, सरसों का साग, गुड़ की ढेली, मूंगफली और चिक्की.. लिस्ट तो काफी लंबी है और यह लिस्ट नए मौसम के मिजाज की ओर इशारा करती है। सर्दियां आईं नहीं कि जुबान चटकारे मारना शुरू कर ही देती है। अरे, यही तो मौसम है सेहत बनाने का। इस बात का बहाना बनाते हम थमने का नाम ही नहीं लेते। वैसे बात तो सही है, यही तो मौसम है सेहत बनाने का। तभी तो सब्जी के नाम से चिढ़ने वाले वाले लोग भी मंडी में रखी रंग-बिरंगी सब्जियों की ओर आकर्षित हो जाते हैं। सिर्फ सब्जियों के मामले में ही नहीं, बदलते मौसम के साथ आहार में भी कुछ अन्य बदलाव जरूरी हैं, जो स्वाद को संतुष्ट करने के साथ इम्यूनिटी में भी भरपूर इजाफा करेंगे।
पोषण का रखें ध्यान
खानपान के शौकीन लोग अपनी जुबान को संतुष्ट करने के लिए सेहत को पीछे छोड़ देते हैं। बाहर का खाना, जंक फूड और तला-भुना ज्यादा खाने लगते हैं, जिससे उनकी इम्यूनिटी घटने लगती है। पर, मौसम के अनुसार भोजन के चुनाव का वैज्ञानिक कारण ये है कि इससे हमारे शरीर को नए वातावरण में ढलने में आसानी और भोजन को उस मौसम में अच्छी तरह से पचने में मदद मिलती है। न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर भारती दीक्षित कहती हैं कि सर्दियों में हमारा पाचन सबसे अच्छी स्थिति में होता है। साथ ही प्रकृति भी इस दौरान हमें ऐसा भोजन देती है जो हमारी सेहत के लिए वरदान है। बाजार के मुताबिक नहीं, बल्कि मौसम के मुताबिक अपनी डाइट में जरूरी बदलाव लाएं। अच्छा, संतुलित और मौसमी आहार शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है।
प्रोटीन की होती है दरकार
प्रोटीन की हमारे शरीर को सबसे ज्यादा जरूरत होती है। भारती कहती हैं एंटी बॉडीज बनने के लिए अमीनो एसिड की जरूरत पड़ती है, लेकिन अगर शरीर में प्रोटीन की कमी होगी तो अमीनो एसिड भी कम होंगे। यही वजह है कि शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोटीन का सेवन बेहद जरूरी है। प्रोटीन की इस दरकार को आप पनीर, चीज, बीन्स, बीज, दालें, मछली, डेयरी उत्पाद, साबुत अनाज, चिकन व अंडा आदि से पूरा कर सकती हैं।
ओमेगा थ्री फैटी एसिड का महत्व
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