हर बच्चा अपने आप में अलग होता है और वह अलग-अलग तरह से अपनी भावनाएं प्रकट करता है। प्रेम, खुशी और नाराजगी जैसी भावनाएं उसमें एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही होती हैं। इन्हीं भावनाओं को सही दिशा की ओर ले जाने से उसके व्यक्तित्व का बेहतर निर्माण किया जा सकता है। ऐसी ही एक भावना है क्रोध, जो एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया या भाव होता है। बच्चे को क्रोध आना गलत नहीं होता। लेकिन कई बार बच्चे इसे प्रकट नहीं कर पाते और उसका परिणाम जिस रूप में सामने आता है वह गलत होता है। कई दफा बच्चे पैर पटकने लगते हैं, अपने आसपास के सामान को फेंकने लगते हैं या फिर दूसरे बच्चों पर या माता-पिता को मारने लगते हैं। यह उनका क्रोध ही है, जिसे जताने का उन्हें सही तरीका नहीं पता। यह तरीका सिखाने का काम बड़ों का होता है। पर, बात तो तब बनेगी जब बड़ों को उन्हें सिखाने का तरीका आता होगा।
जानिए अपने बच्चे के गुस्से का कारण
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हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
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