हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च कहती है कि किसी बात से दुखी होने वाले लोग अकसर माफी की अपेक्षा करते हैं। उनको ऐसा लगता है कि एक माफी से उनका सम्मान और विश्वास वापस आ जाएगा। उन्हें माफी मांगने की प्रक्रिया न्याय जैसी लगती है। पर, जब माफी की अपेक्षा की जाती है, तब ध्यान इस बात पर नहीं जाता है कि दिल हा से मांगी गई माफी रिश्ते बना देती है। वहीं, दिखावे के लिए मांगी गई माफी रिश्ते को लंबे समय के लिए बिगाड़ देती है। यही वजह है कि अच्छी और खुशनुमा जिंदगी जीने के लिए गलती करने के बाद साथी से सही तरीके से और सही समय पर माफी मांगना जरूरी हो जाता है। इसके साथ माफ करने वाले की भी कुछ खास जिम्मेदारी बनती है। गलती करने पर रिश्ते में माफी मांगना क्यों जरूरी है और इसका सही तरीका क्या है, आइए जानें:
कम नहीं होगा मान
अकसर माफी मांगने वाले अपनी गलती इसलिए भी नहीं मानते हैं कि उन्हें खुद के अपमान का डर होता है। जबकि ये सोच गलत है। अपनी ही गलती बताने पर कोई भी छोटा नहीं होता है, बल्कि इंसान के तौर पर बड़ा हो जाता है। परिणाम की चिंता न करते हुए गलती स्वीकारें, माफी मांगे और रिश्ते को नया रंग दें। इसके साथ ही बाद के परिणाम के लिए भी खुद को पूरी तरह से तैयार रखें।
न हो देरी, तब ही बात होगी पक्की
माफी मांगना अच्छी बात है। पर, यह याद रखना जरूरी है कि समय पर मांगी गई माफी की ही अहमियत होती है। इसका महत्व तब ही तक है, जब तक यह सही समय पर मांगी जाए। दरअसल, कई लोग ऐसे होते हैं, जो गलती मान तो लेते हैं, लेकिन सॉरी बोलने के लिए खास परिस्थिति का इंतजार करते हैं। जैसे जब वो मेरे घर आएंगे, तब मैं सॉरी बोलूंगी या फिर जब ये गलती दोबारा होगी, तब मैं माफी मांग लूंगी। ये सोच गलत है। रिश्ते बनाए रखने के लिए सही समय को हाथ से ना जाने दें, बल्कि उसी समय पर माफी मांगें और अपनी गलती स्वीकार करें। आपको इसका फायदा शायद तुरंत न मिले, पर कुछ दिन बाद जरूर मिलेगा।
बार-बार गलती, बार-बार सॉरी
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