कोलेजन हमें स्वस्थ्य और युवा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से इसे खोना शुरू कर देता है। त्वचा रोग विशेषज्ञों का मानना है कि हर गुजरते साल के साथ कोलेजन का निर्माण एक प्रतिशत की दर से कम होता चला जाता है। उम्र बढ़ने के साथ कोलेजन की मात्रा ही नहीं, गुणवत्ता भी कम होने लगती है। बढ़ती उम्र के साथ हमारे खानपान की गलत आदतें और खराब जीवनशैली के कारण कोलेजन के नष्ट होने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। ऐसे में विस्तार से यह जानना बहुत जरूरी है कि कोलेजन क्या है, किन गलत आदतों के कारण शरीर में इनकी मात्रा कम होने लगती है, हम प्राकृतिक रूप से कैसे इसका निर्माण बढ़ा सकते हैं और अगर समय से पहले ही असामान्य रूप से इसकी मात्रा कम होने लगे तो कौन-कौन से उपचार के विकल्प हमारे सामने उपलब्ध हैं।
क्या है कोलेजन ?
कोलेजन हमारे शरीर में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला प्रोटीन है। यह एक फायबर युक्त प्रोटीन है जो हमारे शरीर को आकार देता है। कोलेजन त्वचा का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। यह हमारी हड्डियों, जोड़ों, त्वचा, टेंडन्स और लिगामेंट्स को स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोलेजन में 19 अमीनो एसिड्स होते हैं और इसके निर्माण के लिए विटामिन सी की आवश्यकता होती है। कोलेजन में जो अमीनो एसिड्स होते हैं उनका इस्तेमाल शरीर हमारे बालों और नाखूनों को स्वस्थ रखने में करता है। यह हमारी त्वचा को लचीलापन प्रदान करता है, इससे त्वचा टाइट और युवा नजर आती है। कोलेजन की कमी से त्वचा बुढ़ाने लगती है। इसके अलावा कोलेजन की कमी से कमजोर हड्डियां, जोड़ों में दर्द, कार्टिलेज का कमजोर पड़ जाना जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं। स्कार्वी, कमजोरी और एनीमिया आदि के कारण भी कोलेजन कम होता है। कोलेजन कम होने के लिए और कौनसी चीजें है जिम्मेदार, आइए जानें:
कैफीन का अधिक मात्रा में सेवन
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