शेयरिंग इज केयरिंग बच्चों को यह पाठ पढ़ाते हुए अकसर हम बड़े यह भूल जाते हैं कि कभी ये लाइन हमारे पाठ्यक्रम में भी शामिल थी। कभी हमें भी शेयरिंग का ये पाठ पढ़ाया गया था। खासतौर पर जोड़े तो ये बात अपनी सोच से ही निकाल देते हैं कि शेयरिंग एक कमाल की चीज है, जो जीवन को आसान बना सकती है। यहां पर शेयरिंग का मतलब सिर्फ अपनी चीजें साझा करना बिल्कुल नहीं है, बल्कि यहां शेयरिंग का मतलब घर के काम साझा करना भी है। वो काम जिन्हें अकसर सिर्फ महिलाओं की ही जिम्मेदारी मान लिया जाता है, जबकि पुरुष भी इस लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होते हैं। यकीन मानिए ये जिम्मेदारी अगर पति-पत्नी मिलकर निभाएंगे तो रिश्ते में प्यार का रंग कुछ ज्यादा ही घुलता जाएगा। जब रिश्ता बेहतर होगा तो जिंदगी भी आसान हो जाएगी। रोजमर्रा का जीवन भी बिना किसी एक पर भारी पड़े आसानी से चलता जाएगा है। खुशहाल रिश्ते के लिए क्यों जरूरी है मिलजुलकर घर का काम करना, आइए जानें:
भर जाएंगी दरारें
कई बार रोजमर्रा की जिंदगी ऐसी बोझिल हो जाती है कि जोड़े लंबे समय तक बैठकर दिल का हाल साझा ही नहीं कर पाते हैं। इसके चलते एक समय के बाद आपसी रिश्ते में दूरी महसूस होने लगती है। इस दूरी को कम करने का आसान तरीका है कि घर के काम मिलकर किया जाए। इस बात को ऐसे समझिए कि पत्नी खाना बना रही हैं और पति बर्तन धो रहे हैं, तो आपस में बात तो करेंगे ही न ! इस वक्त वो बातें भी हो जाएंगी जो व्यस्तता के चलते बहुत दिनों से कहीं कोने में पड़ी थीं। हो सकता है गिले-शिकवे भी दूर हो जाएं।
वो काम जो उन्हें पसंद हो
पति-पत्नी जब घर के काम साझा करेंगे तो ऐसा करते हुए एक बात उन्हें सबसे पहले याद रखनी होगी कि दोनों को ही वो काम मिले, जो उन्हें पसंद हों ताकि वो उस काम को एंजॉय कर पाएं। अगर ऐसा नहीं होगा तो उन्हें घर के काम बोझ जैसे ही लगेंगे, फिर रिश्ते को बेहतर करने की बात तो भूल ही जाइए। हालांकि यह काम इतना आसान नहीं होगा क्योंकि कई काम ऐसे होंगे जो दोनों को ही पसंद नहीं होंगे। इस वक्त किसी न किसी को त्याग करने के लिए तैयार रहना होगा। त्याग करना भी प्यार का ही हिस्सा है, याद रखिएगा। कभी वो कर लेंगे, कभी आप कर लीजिएगा।
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