एक जमाने में भारतीय महिलाओं के लिए यह बात बेहद ही आम थी कि उनका पति बर्मा में काम करता है। यह इतनी आम बात थी कि पॉप कल्चर का हिस्सा बनते हुए अपने पति के रंगून (आधुनिक बर्मा) से लौटने का इंतजार करती और लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप निभा रही महिलाओं पर एक सुप्रसिद्ध गाना ही बन गया। गाने का नाम था- मेरे पिया गए रंगून। फिल्म का नाम था, पतंगा और साल था- 1949।
कामकाज के लिए पति का परिवार से दूर किसी दूसरे शहर में रहना और पत्नी का अकेले घर-परिवार की जिम्मेदारी निभाना यानी लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप (एलडीआर) कोई आज का रिलेशनशिप ट्रेंड नहीं है। यह सालों से चला आ रहा है। फर्क बस इतना है कि अब एक-दूसरे से सैकड़ों मील दूर रहते हुए भी टेक्नोलॉजी की मदद से पल-पल संपर्क में रहा जा सकता है। अधिकांश लोग मानते हैं कि साथ रहना और साथ वक्त बिताना एक ही बात है। पर, ऐसा है नहीं। चौबीस घंटे साथ वक्त बिताने के बावजूद मन के तार जुड़े नहीं रह सकते, वहीं मीलों दूर रहकर भी एक-दूसरे से जुड़ा रहा जा सकता है। से पढ़ाई, नौकरी या अन्य कारणों से अलगअलग शहर में रहने का मतलब अपने रिश्ते को खत्म करना नहीं होता। दोनों पक्षों की ओर से थोड़ी कोशिश करने पर दूर-दूर रहकर भी रिश्ते में दोस्ती, प्यार, समझ और आपसी विश्वास को बरकरार रखा जा सकता है। इसके लिए क्या हैं जरूरी कदम, आइए जानें:
पारदर्शिता है जरूरी
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एस्ट्रोजेन की कमी से होता है यह सिर दर्द
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मूली का नहीं कोई मेल
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हर मौसम में होंठ रहेंगे गुलाबी
ठंड आते ही अगर आपको अपने होंठों की सेहत और रंगत की चिंता होने लगती है, तो उसकी देखभाल के लिए हर दिन पांच मिनट निकालना शुरू कर दें। कैसे करें होंठों की देखभाल ताकि उसकी रंगत न हो खराब, बता रही हैं आरती वर्मा
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हम अकसर यह सोचते हैं कि लोग क्या सोचेंगे और इसी आधार पर कई बार ऐसे निर्णय ले लेते हैं, जो खुद पर ही भारी पड़ने लगता है। लोगों की सोच से बेपरवाह होकर कैसे अपनी जिंदगी जिएं, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
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अब घर होगा महिला के नाम
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
सदाबहार है बालियों का ट्रेंड
बाली यानी हूप्स कभी भी ट्रेंड से बाहर नहीं होते, फिर भी कुछ लोगों को लगता है कि हूप्स उनके चेहरे पर कम फबते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें अपने चेहरे के अनुरूप हूप्स चुनने की समझ नहीं होती। हूप्स चुनते समय किन बातों का रखें ख्याल, बता रही हैं स्वाति शर्मा