मेरी दोस्त को बात-बात पर तसवीरें खींचने और उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करने की आदत है। उसकी शादी के दौरान मैंने उसे अपनी निजी तस्वीरों को अपलोड न करने की सलाह दी थी, लेकिन वह नहीं मानी। उसके जीवनसाथी को यह पसंद नहीं था और शादी के शुरुआत में ही दोनों में इन बातों को लेकर तनातनी मचने लगी। हालांकि उसे जल्द बात समझ आ गई और दोनों खुशहाल जीवन में हैं। यह सिर्फ एक मामला नहीं है, कुछ दिन पहले मैंने एक सेलिब्रिटी का भी एक वीडियो देखा, जिसमें उसका ब्वॉयफ्रेंड उसे सोशल मीडिया पर कुछ बातों को पोस्ट करने से रोकता नजर आया। ये बातें दर्शाती हैं कि सोशल मीडिया कहीं न कहीं पति-पत्नी या जोड़ों में तनाव की स्थिति पैदा करने लगा है। कुछ लाइक और सब्सक्राइबर के चक्कर से भी अब उन बातों के वीडियो और पोस्ट देखने को मिलने लगे हैं, जो कभी अदब के पर्दे के पीछे हुआ करते थे। नतीजतन, लिहाज जैसे शब्दों का अस्तित्व दांव पर लगने लगा है। हालांकि यह एक गंभीर और अलग विषय है, लेकिन सोशल मीडिया पर इतना ज्यादा समय बिताने और बेपरवाही वाले पोस्ट के कारण वैवाहिक रिश्तों में मनमुटाव भी देखा जा सकता है, जो विचारणीय है। इस बात को अपने आसपास के परिवेश से भी समझा जा सकता है। कई बातें ऐसी होती होंगी जो आपके साथी को सामान्य तौर पर नहीं पसंद होंगी, जैसे अपनी सहेली से घर की हर बात बताना या उनके आपके करीब आते ही आपको घर का कोई अन्य काम याद आ जाना, वगैरह। बस, इसी तरह सोशल मीडिया भी आपके जीवन में दखलंदाजी करने लगा है, जो आपके साथी को नापसंद आ सकता है। यह नापसंद दरार में बदले, इससे पहले ही कुछ नियमों का पालन करना शुरू कर दें।
रिश्तों पर डिजिटल मीडिया का प्रभाव
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