काम के बोझ तले दब जाना, लगातार थका महसूस करना, पहले जैसी ऊर्जा ना रहना... ये सभी लक्षण अकसर आपको खुद में भी दिखते होंगे। पर, इनकी वजह से आप अपने घर वालों या ऑफिस के सहकर्मियों को यह कहने की हिम्मत कर पाई हैं कि आपको एक लंबे ब्रेक की जरूरत है! या फिर पसंदीदा खाने की डिमांड करने पर अपने बच्चे को यह कह पाती हैं कि अभी कुछ और खा लो। शायद नहीं। ऐसा बहुत कम लोग ही कर पाते हैं। इसके लिए भी बहुत ज्यादा हिम्मत की जरूरत होती है।
ऐसा कहने और कर पाने की हिम्मत दिखाई है, न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने। उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देते हुए बर्नआउट को इसकी वजह बताया और कहा कि अब इस पद पर बने रहने के लिए उनके भंडार में पर्याप्त सामग्री नहीं बची है। सबसे कम उम्र में प्रधानमंत्री का पद संभालने वालों में से एक, अर्डर्न काम और व्यक्तिगत जीवन में कैसे संतुलन लाया जाए, इसके लिए एक अंतरराष्ट्रीय प्रतीक बन गई थीं। अपनी नवजात बच्ची को लेकर जब उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था तो सब तरफ उनकी सराहना हुई थी। पर, आज बर्नआउट के कारण अपने पद से इस्तीफा देने के बाद दुनिया भर में उनकी तारीफ करने वाले लोग भी हैं, तो बुराई करने वाले भी। एक संतुष्ट व सेहतमंद जिंदगी के लिए यह क्यों जरूरी है कि आप समय रहते बर्नआउट के संकेतों को समझें और इससे बचने की कोशिश करें, आइए जानें:
क्या है बर्न आउट?
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