करियर को भी चाहिए ममता वाला स्पर्श
Anokhi|May 13, 2023
यकीनन मां होना एक बड़ी जिम्मेदारी है। पर, यह जिम्मेदारी आपको जाने-अनजाने निखारती भी है। जिसका सकारात्मक असर महिलाओं की पारिवारिक ही नहीं, बल्कि कामकाजी जिंदगी पर भी नजर आता है। मदर्स डे (14 मई) के मौके पर आइए जानें यह कनेक्शन, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
दिव्यानी त्रिपाठी
करियर को भी चाहिए ममता वाला स्पर्श

गृहस्थ जीवन में कदम रखते ही एक लड़की के कंधों पर ढेरों जिम्मेदारियां आ जाती हैं। मां बनते ही ये जिम्मेदारियां कई गुना बढ़ जाती हैं। मां, अगर कामकाजी है तो उसके जिम्मे दोहरी जवाबदेही आ जाती है। कई बार मां बनने पर महिला को अपने करियर पर अल्पविराम तक लगाना पड़ जाता है। आंकड़े भी इस बात की तसदीक करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक 73 फीसदी भारतीय महिलाएं मां बनने के बाद नौकरी छोड़ देती हैं। जबकि 50 प्रतिशत महिलाएं अपने बच्चों की देखभाल के लिए 30 साल की उम्र में इस्तीफा दे देती हैं। मां बनने के बाद, केवल 27 फीसदी महिलाएं अपने करियर में आगे बढ़ती हैं। लेकिन, सिक्के का दूसरा पहलू भी है जो मांओं को और भी निखारता है। एक सर्वेक्षण में 95 फीसदी महिलाओं का मानना है कि बच्चों की परवरिश उन्हें कौशल प्रदान करती है, जिसे वह अपने करियर की दूसरी पारी में इस्तेमाल कर खुद को कार्यक्षेत्र में बेहतर साबित कर पाती हैं। इस बात से इत्तेफाक रखते हुए रिलेशन शिप कोच इला जैन कहती हैं कि मां बनने के बाद महिलाओं में ऑक्सीटोसिन नाम के हार्मोन का स्राव अधिक होता है, जो उनमें प्यार, दुलार और देखभाल का भाव बढ़ाता है। मां बनने के बाद एक महिला में काफी बदलाव आते हैं। जैसे वह बहुत कुछ नया सीखना शुरू कर देती हैं, समय का प्रबंधन, अच्छी संचार क्षमता, विषम परिस्थितियों को संभालने का धैर्य वगैरह। उनकी यह तमाम खूबियां उनके स्वभाव, व्यवहार में आती हैं और जब वह इन क्षमताओं का इस्तेमाल अपने करियर में करती हैं, तो यकीनन परिणाम सकारात्मक और प्रगतिशील ही मिलते हैं। मां बनना करियर की राह को कैसे बेहतर बनाता है, आइए जानें:

सुनियोजित होती है मां

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