घर को यूं ही मंदिर नहीं कहते। इसका हर कोना एक नई कहानी गढ़ता है। आंगन में खुशियां चहकती हैं और बरामदे मौज-मस्ती की कहानी बयां करते हैं। ऐसे घर को भला कौन नहीं सजाना चाहेगा? त्योहार पर दरवाजे पर रंगोली और बंधनवार, रोज सुबह नए फूलों का खिलना, कहीं किसी ओट पर चिड़िया का घरौंदा, घर के गलियारे से आती भीनी-भीनी खुशबू घर की जीवंतता का अहसास कराती है। वहीं कई बार ऐसे घर भी देखे जा सकते हैं, जहां का माहौल भारी महसूस होता है। उस घर की हर चीज आपको यही अहसास कराती है कि वहां ज्यादा देर नहीं रुका जा सकता। यह सब कुछ ऊर्जा पर निर्भर करता है। आपका घर अगर नकारात्मक ऊर्जा से भरा होगा तो परिणाम नकारात्मक ही होंगे, वहीं अगर घर की सजावट सकारात्मकता से भरपूर हो, तो जीवन में सफलता और तारतम्यता अपने आप बनने लगती है। ऐसे घर के लिए आपको बस उसकी सजावट के लिए कुछ कदम उठाने होंगे।
सबसे पहले घर को व्यवस्थित करें
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अब घर होगा महिला के नाम
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
सदाबहार है बालियों का ट्रेंड
बाली यानी हूप्स कभी भी ट्रेंड से बाहर नहीं होते, फिर भी कुछ लोगों को लगता है कि हूप्स उनके चेहरे पर कम फबते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें अपने चेहरे के अनुरूप हूप्स चुनने की समझ नहीं होती। हूप्स चुनते समय किन बातों का रखें ख्याल, बता रही हैं स्वाति शर्मा