कहते हैं भावनाओं से दुनिया नहीं चलती है। लेकिन हकीकत में देखा जाए तो बिना भावनाओं के दुनिया एक मशीन की तरह ही तो लगेगी, जहां हर कोई अपना-अपना काम करेगा। लेकिन ऐसा नहीं है। हमें किसी के होने या न होने से फर्क पड़ता है, न्यूज चैनल या अखबार में किसी दुर्घटना की खबर से हमें दुख होता है, दूसरों के जीवन में आई खुशियां हमारे चेहरे पर भी मुस्कान ले ही आती है। क्या इन भावनाओं से दूर रहा जा सकता है? नहीं, यह सहज है या यूं कहें कि हम बनाए ही ऐसे गए हैं, संवेदनशील। ऐसे में अपने प्रेम के रिश्ते में भावनात्मक होना भी सहज है। हां, बस एक बात का ध्यान रखना होता है कि कहीं हम इनमें बह न जाएं। बहेंगे तब, जब एक व्यक्ति सिर्फ भावनाओं से काम लेगा और दूसरा दिल की जगह दिमाग इस्तेमाल कर रहा होगा। महिलाएं भावना प्रधान होती हैं, इसलिए इस बहाव में बहना उनके लिए आम बात हो जाती है। इससे बचने के लिए आपको बस अच्छी और बुरी भावना के बीच अंतर करना आना चाहिए, साथ ही अपनी भावनाओं पर नियंत्रण पाना और संतुलन बिठाना भी आना चाहिए।
ये हैं खतरे की निशानियां
किसी को अपना जीवनासाथी बनाने का निर्णय लेने से पहले उसे भावनात्मक तौर पर समझना बहुत जरूरी है। डॉक्टर उन्नति कुमार कहते हैं कि महिलाएं भाव प्रधान होती हैं क्योंकि उनकी संरचना एक नए जीवन को लाने और संभालने के हिसाब से होती है। लेकिन यही उनकी सबसे बड़ी ताकत भी है। बस कई बार महिलाएं आपनी इस ताकत का इस्तेमाल करने से पीछे रह जाती हैं। दरअसल, जो महिला एक बच्चे की शक्ल देखकर समझ जाती हो कि उसे क्या चाहिए और वह क्यों रो रहा है, जो महिला किसी अनजान पुरुष के देखने के तरीके से उसका चरित्र भांप लेती हो, वह अपने जीवनसाथी के भावों को भी बखूबी समझ जाती है, लेकिन साथ ही अपनी भावनाओं में संतुलन न होने के कारण वह उस बात को स्वीकारना नहीं चाहती हैं। माना कि आप कहीं न कहीं बातों को समझ रही हों, लेकिन यहां दिए कुछ लक्षण आपकी शंका का समाधान कर सकते हैं।
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
वेस्ट कोट में दिखेंगी सबसे बेस्ट
महिलाओं के फैशन के साथ हम वेस्ट कोट को आसानी से नहीं जोड़ पाते। पर, फैशन की दुनिया हमारी सोच के मुताबिक नहीं चलती। अब महिलाएं भी धड़ल्ले से वेस्ट कोट को अपनी लुक का हिस्सा बना रही हैं। कैसे करें इसकी स्टाइलिंग, बता रही हैं स्वाति शर्मा
कोई पहले क्यों नहीं बताता ये बातें
प्रसव के बाद शरीर में कई ऐसे बदलाव होते हैं, जिनके बारे में पहले से कोई बताता ही नहीं। कौन से हैं ये बदलाव और कैसे करें इनका सामना, बता रही हैं शमीम खान
आसान बनाएं वापसी की राह
एक अध्ययन के मुताबिक भारत में 70 लाख कामकाजी महिलाएं करियर ब्रेक के बाद दोबारा वर्क फोर्स में वापसी की राह तलाश रही हैं। अगर इनमें आप भी शामिल हैं, तो कैसे वापसी के इस सफर को बनाएं आसान, बता रही हैं स्वाति गौड़
एस्ट्रोजेन की कमी से होता है यह सिर दर्द
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार आहार विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, कविता देवगन
मूली का नहीं कोई मेल
फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर मूली ठंड आते ही हमारी थाली की शान बढ़ाने लगती है। अगर आपको भी मूली पसंद है, तो स्वाद लीजिए इससे बनने वाली कुछ स्वादिष्ट रेसिपीज का, बता रही हैं प्रतिभा निगम
हर मौसम में होंठ रहेंगे गुलाबी
ठंड आते ही अगर आपको अपने होंठों की सेहत और रंगत की चिंता होने लगती है, तो उसकी देखभाल के लिए हर दिन पांच मिनट निकालना शुरू कर दें। कैसे करें होंठों की देखभाल ताकि उसकी रंगत न हो खराब, बता रही हैं आरती वर्मा
कब तक करेंगी लोगों की परवाह?
हम अकसर यह सोचते हैं कि लोग क्या सोचेंगे और इसी आधार पर कई बार ऐसे निर्णय ले लेते हैं, जो खुद पर ही भारी पड़ने लगता है। लोगों की सोच से बेपरवाह होकर कैसे अपनी जिंदगी जिएं, बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
भावुक हैं इसलिए बेहतर हैं
हम महिलाओं के भावुक स्वभाव को समाज अकसर कमजोरी के रूप में गिनता आ रहा है। पर, हमारी बेहतर भावनात्मक समझ कई मामलों में फायदेमंद साबित होती है। दूसरों की भावनाओं को समझने और अपनी भावना को साझा करने के क्या हैं फायदे, बता रही हैं शाश्वती
अब घर होगा महिला के नाम
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
सदाबहार है बालियों का ट्रेंड
बाली यानी हूप्स कभी भी ट्रेंड से बाहर नहीं होते, फिर भी कुछ लोगों को लगता है कि हूप्स उनके चेहरे पर कम फबते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें अपने चेहरे के अनुरूप हूप्स चुनने की समझ नहीं होती। हूप्स चुनते समय किन बातों का रखें ख्याल, बता रही हैं स्वाति शर्मा