कहते हैं जैसा अन्न, वैसा मन। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाए। सर्दियों में अपने आप ही भूख बढ़ने लगती है और जुबान एक से बढ़कर एक जायकों के लिए चटकारे भी मारने लगती है। ऐसे में कई दफा हम सेहतमंद खानपान को छोड़कर जंक फूड की तरफ आकर्षित होने लगते हैं। इस तरह का खानपान पेट भरने के साथ स्वाद का भी भरपूर ख्याल रखता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इससे आपकी सेहत भी बन पाती है? क्या सेहत की खातिर कुछ सही कदम उठाने का समय नहीं आ गया है? आंकड़े बताते हैं कि भारत में लगभग 23 प्रतिशत महिलाएं ओवरवेट हैं और करीब प्रतिशत महिलाओं के पेट में चर्बी की समस्या है। मिलताजुलता आंकड़ा पुरुषों और बच्चों में भी है। यह स्थिति चिंताजनक है। लेकिन कहते हैं ना कि चैरिटी बिगिन्स एट होम। इसलिए सेहत के सफर की शुरुआत भी आपको अपनी रसोई से करनी होगी। ज्यादा कुछ नहीं, आपको बस ही चुनाव करने से अपना पहला कदम उठाना होगा। इस सर्दी ऐसा खानपान अपनाएं, जो स्वाद के साथ सेहत का भी ख्याल रखे।
सर्दियों में सही भोजन के मायने
सर्दियों में सूरज की रोशनी और गुनगुनाहट में कमी आ जाती है। इस कारण हमारे शरीर में कुछ ऐसे बदलाव होते हैं, जिनकी वजह से हमारा तनाव बढ़ने लगता है या हम उदास और मायूस महसूस करने लगते हैं। इस कारण हम अकसर स्ट्रेस ईटिंग करते हैं। इसके अलावा हम खुद को गर्म रखने के लिए बारबार भोजन करना पसंद करते हैं। सर्दियों के कारण शारीरिक गतिविधियों में भी कमी आ जाती है और घर पर ज्यादा रहने के कारण बार-बार कुछ खाते रहने की आदत भी बन जाती है। इन सभी कारणों से हम ठंड में अकसर ज्यादा कार्बोहाइड्रेट और वसा वाले भोजन का सेवन करने लगते हैं। ठंड में सेहतमंद रहने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित भोजन का चुनाव करना बेहद जरूरी है। इस तरह का भोजन आपको ऊर्जावान रखने के साथ ही अंदर से मजबूती भी देता है। न्यूट्रीशनिस्ट मोनिका वासुदेव कहती हैं कि भोजन के सही चुनाव के साथ ही हमें भोजन के सही तरीके की जानकारी भी होनी चाहिए। खाना भले ही सेहतमंद हो, लेकिन अगर वह सही तरीके से पच ना पाए तो वैसा भोजन आपको अंदर से बीमार भी बना सकता है।
इन्हें बनाएं थाली का हिस्सा
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