सेहत का चाहे जितना मर्जी हवाला दिया जाए, लेकिन सच यही है कि खाने में जायका बढ़ाने के लिए तेल की जरूरत पड़ती ही है। असल में तेल में पके खाने की खुशबू और रंगत उबले या कच्चे खाने की तुलना में कहीं ज्यादा लुभावनी होती है। हालांकि तेल की मात्रा को अपनी इच्छानुसार कम या ज्यादा किया जा सकता है, लेकिन उससे पहले सही तेल चुनने की दुविधा बहुत परेशान करती है। बाजार में जैतून से लेकर सरसों के तेल तक के इतने प्रकार और ब्रांड मौजूद हैं कि अपने परिवार के लिए खाना पकाने के लिए सही तेल का चुनाव ही बहुत कठिन काम लगता है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रत्येक कुकिंग ऑयल की अपनी खूबियां और गुण होते हैं, जो हमारी अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं। इसलिए हमेशा एक ही प्रकार के तेल का इस्तेमाल करने के बजाय बदल-बदल कर अलगअलग प्रकार के कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन सही तेल के चुनाव से पहले यह जान लेना भी जरूरी है कि खाना पकाने का तेल तैयार कैसे होता है?
कैसे बनता है तेल?
रिफाइंड ऑयल, एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल या कोल्ड प्रोसेस्ड ऑयल खाना पकाने के तेलों के कुछ प्रकार हैं, जिनका हमारे शरीर पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। दरअसल, खाने योग्य विभिन्न बीजों में विटामिन और मिनरल्स समेत बहुत से अन्य पोषक तत्व होते हैं। पर, इन बीजों से तेल निकालने की प्रक्रिया उनकी पोषकता को प्रभावित कर सकती है। उदाहरण के लिए किसी भी प्रकार के बीजों से निकलने वाला पहला तेल वर्जिन ऑयल कहलाता है, जिसमें सबसे ज्यादा पोषक तत्व होते हैं। लेकिन इन बीजों से और ज्यादा मात्रा में तेल निकालने के लिए जिस प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है, उससे तेल की पोषकता नष्ट होती है और तेल विषाक्त बन जाता है।
तेल और वसा का कनेक्शन
खाना पकाने के सभी तेलों में विभिन्न प्रकार के फैट्स अलग-अलग मात्रा में मौजूद होते हैं, जिनके बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है ताकि सही कुकिंग ऑयल का चुनाव किया जा सके। कुकिंग ऑयल में निम्न प्रकार की वसा पाई जाती है:
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