मां बनना एक ऐसा खूबसूरत अहसास है, जिसका हर अनुभव करना अमूमन महिला का सपना होता है। लेकिन गर्भधारण करने के लिए कौन सी उम्र सही है, इस बारे में अलग-अलग महिलाओं के मत भी अलग-अलग ही हैं। कोई महिला किस उम्र में मां बनना चाहती है, यह उसका निजी निर्णय होना चाहिए। लेकिन ऐसी बहुत सी बातें हैं जो किसी महिला के मां बनने के फैसले को प्रभावित कर सकती हैं। परिवार बढ़ाने का फैसला लेने में पारिवारिक माहौल, निजी परिस्थितियां, महिला की शारीरिक एवं मानसिक सेहत सहित अन्य बहुत से कारण इस फैसले को प्रभावित कर सकते हैं। अभी कुछ साल पहले तक भी चौबीस-पच्चीस साल की उम्र तक शादी और फौरन बच्चा प्लान करने को ही सही फैसला माना जाता था। पर, बदलते समय ने महिलाओं की सोच को भी बदल दिया है। अब ज्यादातर युवतियां सबसे पहले अपने करियर पर फोकस करना चाहती हैं, फिर शादी करके नए रिश्ते को समय देना चाहती हैं और उसके बाद कहीं जाकर परिवार आगे बढ़ाने के बारे में सोचती हैं। हालांकि, इस बात में कोई बुराई नहीं है, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार तीस साल की उम्र के बाद गर्भधारण करना हर महिला के लिए सुरक्षित नहीं होता है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ जटिलताएं भी बढ़ने लगती हैं।
प्रजनन क्षमता पर प्रभाव
उम्र बढ़ने के साथ-साथ ज्यादातर महिलाओं की प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होने लगती है और उनके गर्भधारण करने की संभावना घटने लगती है। दरअसल, तीस साल की उम्र के बाद गर्भधारण करने को एडवांस मेटर्नल ऐज कहा जाता है। इसे यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि एक महिला का शरीर पंद्रह से तीस साल की उम्र के बीच गर्भधारण के लिहाज से पूरी तरह तैयार और सुरक्षित होता है। लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे प्रजनन क्षमता कम होने लगती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि तीस साल के बाद कोई महिला मां नहीं बन सकती है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ गर्भावस्था संबंधी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। ज्यादा उम्र में अंडाणु की गुणवत्ता प्रभावित होने लगती है, जिसकी वजह से प्राकृतिक रूप से गर्भधारण कर पाना जटिल और जोखिमपूर्ण हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर आईवीएफ, आईयूआई, एंब्रियो डोनेशन या जेनेटिक स्क्रीनिंग के माध्यम से गर्भधारण करने की सलाह देते हैं। बढ़ती उम्र में गर्भधारण करना बहुत से अन्य कारणों से भी सुरक्षित नहीं माना जाता है:
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