हाथ की त्वचा पर नाखून रगड़ते ही एक लंबी सफेद लाइन बन जाती है। मुंह धोते ही त्वचा खिची महसूस होती है और क्रीम लगाओ तो जलन महसूस होने लगती है। चेहरे पर हाथ फेरो तो खुश्की साफ महसूस होती है। फाउंडेशन लगाने पर पैच नजर आने लगते हैं या किसी एक हिस्से पर फाउंडेशन काला पड़ने लगता है। ये सब त्वचा में नमी की कमी के लक्षण हैं, जो बदलते मौसम के कारण हो रहा है। सर्दियां त्वचा के लिए चुनौती से कम नहीं और तापमान गिरने के साथ त्वचा की परेशानी और बढ़ने ही वाली है। इसलिए जरूरी है कि अभी से त्वचा को आने वाले दिनों के लिए तैयार कर दिया जाए। इसके लिए बाजार से सिर्फ एक मॉइस्चराइजर की बोतल या क्रीम की डिब्बी लाने भर से काम नहीं चलने वाला। आपको कुछ और बातों का भी ख्याल रखना होगा, जिससे इस बदलते मौसम में आपकी त्वचा सहज महसूस करे और अपनी दमक बरकरार रखे।
नमी है जरूरी
त्वचा की अच्छी सेहत के लिए सबसे जरूरी है, नमी। त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमित बांगिया कहते हैं कि त्वचा में नमी की कमी से ही त्वचा रूखी हो जाती है। सर्दियों में त्वचा का रूखापन बढ़ने के कारण उसे संवेदनशील बनने में भी देर नहीं लगती। ऐसी त्वचा में फोटो एजिंग जल्द होने के साथ ही कॉलेजन तेजी से कम होने लगता है, जिसकी वजह से त्वचा का लचीलापन कम होने लगता है। ठंड के मौसम में त्वचा की सही देखभाल की दिशा में पहला कदम है, नियमित अंतराल पर मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल ताकि त्वचा में नमी की कमी न हो। नहाने के तीन मिनट बाद ही त्वचा पर मॉइस्चराइजर लगाना चाहिए ताकि वह अच्छे से त्वचा में जज्ब हो सके। इससे ज्यादा देर करने पर मॉइस्चराइजर केवल त्वचा की ऊपरी सतह पर ही लगता है। मॉइस्चराइजर से लेकर अन्य सभी उत्पाद आपनी त्वचा की प्रकृति के हिसाब से ही चुनें। अगर त्वचा को अतिरिक्त नमी की जरूरत है तो सीरम और फेस ऑयल भी आपके काम आएंगे।
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