उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में आजकल एक आम चर्चा सुनने को मिल रही है. चर्चा इस बात कि है कि जल्द ही यूपी कैडर का एक नामित और चर्चित नौकरशाह जिसका कुछ माह में रिटायर्डमेंट हैं, जल्द ही राजनीति के मैदान में अपनी दूसरी पारी' शुरू कर सकता है. यह वही अधिकारी है जिसने सपा प्रमुख मुलायम सिंह के एक इशारे पर अखिलेश सरकार के समय लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे मात्र ढाई वर्षो में तैयार करा दिया था, जिस पर जगुआर जैसे सेना फाइटर प्लेन तक की लैडिंग कराई गई थी. यही नौकरशाह कोरोना काल में खादी विभाग के प्रमुख सचिव रहते आनन-फानन में पचास लाख खादी के मास्क तैयार कराने की महत्वाकांक्षी योजना को हकीकत में बदलकर योगी का विश्वास पात्र बन गया था, जबकि इस नौकरशाह को सपा का करीबी समझ कर मुख्यमंत्री योगी पहले उसे हासिए पर डाल रखा था और खादी विभाग जैसा कम महत्वपूर्ण महकमा सौंपा था. कोरोना के खिलाफ जंग में खादी का सुरक्षा कवच (मास्क) तैयार करने वाले इस ब्योरोक्रेट्स के चलते ही यूपी इसी काल खण्ड में रैपिड टेस्टिंग किट से कोविड-19 की जांच करने वाला पहला प्रदेश बन पाया था.
योगी ही नहीं सपा-बसपा और पूर्व की भाजपा सरकार के दौरान भी इस नौकरशाह का खूब सिक्का चला. कल्याण सिंह सरकार में इस नौकरशाह को फैजाबाद जैसे महत्वपूर्ण जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई. इस दौरान यह अधिकारी अयोध्या में राम जन्मभूमि से जुड़े साधू-संतो के काफी करीब आ गया. यह अधिकारी लखनऊ जैसे महत्वपूर्ण जिले में डीएम रहा. 2007 में बसपा सरकार बनने पर केन्द्र से पांच आईएएस यूपी लौटै जिनमें से एक नाम इस अधिकारी का भी शामिल था. यह अधिकारी अपने नाम से नहीं काम के चलते सुर्खियां बटोरता है. सरकार किसी भी पार्टी की हो, यह अपना काम पूरी ईमानदारी से करता मिल जाता है. इस अधिकारी के बारे में यहां तक कहा जाता है, "जहां रहेगा वहीं रोशनी लुटाएगा, किसी चराग का अपना मकां नहीं होता." यह अधिकारी और कोई नहीं पंजाब में जन्मे और 1988 बैच के यूपी कैडर के अधिकारी नवनीत सहगल हैं जो कुछ माह बाद 31 जुलाई 2023 को रिटायर्ड होने वाले हैं. सहगल को सेवा विस्तार मिलने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है, ऐसा इसलिए है क्योंकि सहगल भी अब 'नौकरशाही' छोड़कर 'राजशाही' का स्वाद चखना चाहते हैं.
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औद्योगिक घरानों के बंटवारे कैसे प्रेम से हों
दीपक पारेख को भारत के कोरपोरेट जगत में बहुत ही आदर भाव के साथ देखा जाता है.
क्या है हिन्दू फोबिया का कारण
हिन्दू धर्म या सनातन संस्कृति जिसकी जड़ें संस्कारों के रूप में परम्पराओं के रूप में भारत की आत्मा में अनादि काल से बसी हुई हैं. ये भारत में ही होता है जहाँ एक अनपढ़ व्यक्ति भी परम्परा रूप से नदियों को माता मानता आया है और पेड़ों की पूजा करता आया है.
भारत में कैसे कम हो पाएंगे सड़क हादसे
आंकड़ों से पता चलता है कि देश में दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों पर राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक रोड एक्सीडेंट के मामले 2020 में 3,64,796 से बढ़कर 2021 में 4,03, 116 हो गए. मौतों में 16.8% बढ़ोतरी हुई है. 2020 में 1,33,201 और 2021 में 1,55,622 लोगों ने सड़क हादसे में अपनी जान गवाई है. साथ ही 2021 में प्रति हजार वाहनों की मौत दर 2020 में 0.45 से बढ़कर 2021 में 0.53 हो गई है. विश्लेषण से पता चलता है कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं तेज गति के कारण हुई हैं.
पश्चिमी यूपी में तेज होगी जाट वोट बैंक पर कब्जे की जंग
उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव से पहले राष्ट्रीय लोकदल यानी आरएलडी की मान्यता खत्म होने से छोटे चौधरी जयंत सिंह की सियासत पर ग्रहण लग गया है. इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री और दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने सहित कई सरकारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले किसान नेता चौधरी चरण सिंह के पौत्र जयंत चौधरी की राजनैतिक पारी पर यदि विश्राम लग जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
अब 'वायनाड' का क्या होगा?
केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सदस्य रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद अब बड़ा सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग इस सीट पर जल्द ही उपचुनाव करवा सकता है? जानकारों का कहना है कि उपचुनाव की घोषणा से पहले चुनाव आयोग हर कानूनी पहलू को देखेगा और राहुल गांधी के अगले कदम पर भी आयोग की नजर रहेगी. राहुल गांधी की ओर से जल्द ही ऊपरी अदालत में अपील की जा सकती है. वहीं, चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार राहुल के अयोग्य घोषित होने के बाद वायनाड सीट पर उपचुनाव कराने से पहले तमाम पहलुओं की समीक्षा की जाएगी. आयोग के सूत्रों के अनुसार पहले से तय गाइडलाइंस के अनुरूप जो नियम हैं, उनके तहत आयोग कार्रवाई करेगा. नियम के अनुसार, खाली सीट को 6 महीने के अंदर भरना होता है. सूत्रों के अनुसार, इस बार आयोग कोई फैसला लेने से पहले तमाम कानूनी पहलुओं और घटनाक्रमों की समीक्षा करेगा. दरअसल, इसी साल आयोग अपने ही कुछ फैसलों से कानूनी अड़चनों में फंसा रहा.
अंतरिक्ष में इसरो के बढ़ते कदम
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) अंतरिक्ष की दुनिया में निरन्तर नए-नए इतिहास रच रहा है.
कल क्या हमारा आपका बॉस कोई रोबोट होगा?
जीपीटी-4 सरीखे एआई टूल उन पर इस कदर दबाव बनाये रखेंगे कि वे जो भी काम कर रहे हैं वह तेज गति से हो और अधिक उत्पादक हो. वे उत्कृष्टता के पैमाने को बढ़ा देंगे सीईओ के लिए और एक प्रकार से अत्यधिक दक्षता के युग का सूत्रपात होगा. बड़ी प्रसिद्ध हिंदी कहावत है गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया! पता ही नहीं चलेगा कब नॉन ह्यूमन दिमाग ने, जिसे ह्यूमन ने ही बनाया है, हमें रिप्लेस कर लिया है.
ChatGPT - अगर बहुतों के लिए आपदा है तो अमेरिका के लांस जंक ने इसे अवसर में बदल दिया!
दुनिया के तमाम लोग ChatGPT का उपयोग करना सीखना चाहते हैं. ऐसे ही लोगों का फायदा उठाया अमेरिका में रहने वाला एक 23 वर्षीय व्यक्ति लांस जंक ने जो नए लोगों को चैट जीपीटी सिखाकर 3 महीने में लगभग 35,000 डॉलर या 28 लाख रुपये कमाए.
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जरा सोचिए कि आप एक जगह बैठे हैं जहां आपके आस पास सब कुछ आपके ही मुताबिक है. आपके फोन ने आपको बताया कि आज आपको टाइम पर ऑफिस पहुंचने के लिए निकलना है. आप जल्दी से तैयार होते हैं और निकलते हैं अपनी कार के लिए. कार में बैठते ही आपके पास एक नोटिफिकेशन आता है, और आपकी कार की डैशबोर्ड स्क्रीन पर आगे रास्ते में पड़ने वाले ट्रैफिक का, स्क्रीनशॉट दिखता है. मतलब आपकी गाड़ी आपको बता रही है कि आज आपको नॉर्मल से ज्यादा ट्रैफिक मिलने वाला है, और आपको नए रास्ते से ऑफिस पहुंचने की सलाह दी जा रही है.