धर्म हमेशा से ही महिलाओं का शोषण करता रहा है, उन पर पाबंदियां लगाता है और बीमारू राज्यों ने अपने शहरों का विकास महिलाओं की नजर से न कर के पंडेपुजारियों की नजर से किया है. यहां महिलाओं की जरा सी लाइफस्टाइल को बदलने पर हल्ला मचता है. अब हालत यह है कि लड़कियां इन राज्यों में शादी करने से बच रही हैं.
करीब 37 साल पहले 1986 में देश में बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की पहचान बीमारू राज्यों के रूप में की गई थी. 'बीमारू' शब्द इन राज्यों के इंग्लिश नाम के पहले अक्षर से ही लिया गया है. जैसे बिहार 'बी', मध्य प्रदेश 'मा', राजस्थान 'र' और उत्तर प्रदेश 'ऊ' लिया गया है.
बीते सालों में गंगायमुना नदियों में बहुत सारा पानी बह गया. बिहार से अलग हो कर झारखंड, मध्य प्रदेश से अलग हो कर छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से अलग हो कर उत्तराखंड अलग राज्य बने. यहां केवल मुख्यमंत्री बदलते रहे, राज्य के हालात नहीं बदले.
इन प्रदेशों के विकास में जो पैसा लगना चाहिए था उस से नेताओं और अफसरों ने अपनी जेबें भरीं, अपने और अपनी आने वाली कई पीढ़ियों के लिए रिश्वतखोरी कर के पैसे जमा किए शहरों में रहने वाले आम लोगों के जीवन में कोई सुधार नहीं आया.
शहरों में जाति और धर्म के दबदबे ने लाइफस्टाइल पर अपना प्रभाव डाला. यहां के रहने वाले अभी भी दकियानूसी और रूढ़िवादी सोच में जकड़े हुए हैं.
सरकारों ने राज्यों के विकास की जगह केवल मंदिरों का प्रचार किया. प्रशासन ने संविधान की जगह 'मोरल पुलिसिंग' को बढ़ावा दिया. धर्म की बेड़ियों में जकड़े ये राज्य खुल कर जीने की आजादी नहीं देते हैं. दिल्ली की रहने वाली लड़की प्रीति अपनी दोस्त नेहा के साथ अयोध्या घूमने गई थी. इस दौरान वह सरयू नदी में नहाने गई. प्रीति ने पूरा बदन ढका काले रंग का कुरता और सलवार पहनी हुई थी. उस ने सरयू में कई डुबकियां लगाईं. सरयू में नहाते हुए उस ने पुल के पास अपना एक वीडियो मोबाइल पर शूट कराया.
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