कई बार आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद हमें पता चलता है कि उसमें कुछ गलतियां हो गई हैं। अधिनियम आयकर 1961 आपको दखिल हो चुके रिटर्न में भी संशोधन करने की इजाजत देता है। कर निर्धारण वर्ष 2022-23 यानी वित्त वर्ष 2022 के लिए संशोधित रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तरीख 31 दिसंबर 2022 है।
पीएसएल एडवोकेट्स ऐंड सलिसीटर्स में सीनियर असोसिएट हिमेश ठाकुर बताते हैं, 'संशोधित रिटर्न दाखिल करने का मकसद कर दाता को वे गलतियां सही करने का मौका देना है जो पहले हो गई है।'
ज्यादा या कम आय
संशोधित रिटर्न में करदाता ऐसी किसी भी अतिरिक्त आय का खुलासा कर सकता है जो पिछले रिटर्न में उससे रह गई है। वह कर बचाने वाली योजनाओं के जरिये पहले से ज्यादा कटौती, पिछले रिटर्न में नहीं बताए गए दान के फायदे का दावा कर सकता है या अतिरिक्त कर वापसी का दावा भी कर सकता है। अगर व्यक्तिगत ब्योरा भरने में कोई चूक हुई है तो उसे भी सही किया जा सकता है।
संशोधित रिटर्न में पहले से ज्यादा या कम आय दिखाई जा सकती है। वेद जैन ऐंड एसोसिएट में पार्टनर अंकित जैन का कहना है, 'यदि कोई व्यक्ति वास्तविक रिटर्न में बताई गई आय से कम या ज्यादा कर योग्य आय बताना चाहता है तो कानूनन उसे संशोधित रिटर्न दाखिल करने से रोका नहीं जा सकता है। यदि पहले से ज्यादा आय बताई जाती है तो करदाता को उस आय पर ब्याज के साथ अतिरिक्त कर चुकाना होगा। मगर उस पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा।'
कौन भर सकता है
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