■ ऋणदाताओं का कहना है कि बैजूस अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश कर रही है
■ बैजूस अपने मौजूदा ऋण पर करीब 4 करोड़ डॉलर का ब्याज चुकाने में भी विफल रही है
बैजूस के ऋणों (1.2 अरब डॉलर) में करीब 85 प्रतिशत से ज्यादा संयुक्त भागीदारी रखने वाले ऋणदाताओं के समूह ने कहा है कि न्यूयार्क काउंटी की अदालत में एडटेक कंपनी द्वारा दायर ताजा मुकदमा निराधार है।
ऋणदाताओं ने एक बयान में कहा है, ‘अपने ऋणदाताओं के खिलाफ बैजूस का निराधार कानूनी मामला अपनी जिम्मेदारियों (जिनमें जरूरी भुगतान करना शामिल है) से पीछे हटने की कोशिश है।’
उनका कहना है कि ऋणदाताओं के समूह (21 वैश्विक संस्थागत निवेशक भी शामिल हैं) ने बार बार ऋण चूक की समस्या से निपटने के लिए पिछले 9 महीनों के दौरान कंपनी के साथ मिलकर काम किया है और आगे भी सहयोग बरकरार रहेगा।
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अभी कमीशन वापस लेने की योजना नहीं
सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने नए सरेंडर मूल्य मानदंडों के अनुसार अपने वितरकों के लिए कमीशन संरचना में बदलाव किया है, लेकिन अभी तक कोई कमीशन वापस लेने की योजना (क्लॉबैक) शुरू नहीं की गई है और इसे शुरू करने की कोई योजना भी नहीं है। शुक्रवार को कंपनी परिणाम के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत में एलआईसी के प्रबंधन ने यह जानकारी दी।