एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 7,714 करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित किया था।
उधर, कंपनी ने टी वी नरेंद्रन को पांच साल के एक और कार्यकाल के लिए कंपनी का प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। आलोच्य तिमाही में कंपनी की कुल आय भी 4.75 फीसदी गिरकर 60,666.48 करोड़ रुपये रह गई। एक साल पहले की समान अवधि में यह 63,698.15 करोड़ रुपये थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में टाटा स्टील का व्यय बढ़कर 58,553.25 करोड़ रुपये हो गया जबकि साल भर पहले की समान तिमाही में यह 51,912.17 करोड़ रुपये था। कंपनी ने सोमवार को कहा कि नरेंद्रन का नया कार्यकाल 19 सितंबर से शुरू होगा। उनका मौजूदा कार्यकाल 18 सितंबर को खत्म होने वाला है। टाटा स्टील ने कहा कि इस नियुक्ति पर शेयरधारकों की मंजूरी लेनी अभी बाकी है। नरेंद्रन को अक्टूबर, 2017 में कंपनी का सीईओ एवं प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया था। इसके पहले वह एक नवंबर, 2013 को कंपनी के प्रबंध निदेशक (भारत एवं दक्षिण-पूर्व एशिया) बनाए गए थे।
पीएनबी हाउसिंग के मुनाफे में 48 फीसदी की उछाल
शुद्ध ब्याज आय में सुधार के दम पर पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस का शुद्ध लाभ जून में समाप्त पहली तिमाही में सालाना आधार पर 47.8 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 347 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसकी तुलना में पिछले साल की समान अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ 235 करोड़ रुपये रहा था जबकि वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में 279 करोड़ रुपये। कंपनी की कुल आय इस अवधि में 1,708 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,412 करोड़ रुपये रही थी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी कश्मीर के लिए अलग संविधान लाने की योजना बना रहे हैं।
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सर्वोच्च स्तर से 15 फीसदी फिसली वेदांत
सितंबर के आखिर में 512 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद कमोडिटी दिग्गज वेदांत का शेयर बाजारों में गिरावट के बीच 15 फीसदी से ज्यादा फिसल गया है। अनिल अग्रवाल की अगुआई वाली फर्म के शेयर में हालिया गिरावट पिछले एक साल में इसका शेयर दोगुना होने के बाद आई है।
कंपनी जगत के रॉयल्टी भुगतान को लेकर चिंता : सेबी का अध्ययन
बाजार नियामक सेबी के हालिया अध्ययन में सूचीबद्ध कंपनियों की तरफ से किए गए रॉयल्टी भुगतान में कुछ चिंताजनक रुझान सामने आए हैं। चार मे से एक मामला ऐसा रहा जिसमें कंपनियों ने अपने शुद्ध लाभ का 20 फीसदी से ज्यादा संबंधित पार्टियों को रॉयल्टी के रूप में भुगतान किया।
'लंबी अवधि में सोने, एफडी और संपत्ति से ज्यादा रिटर्न शेयरों ने दिया'
मॉर्गन स्टैनली ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय शेयरों (बीएसई सेंसेक्स) ने 10, 15, 20 और 25 साल की अवधि में रियल एस्टेट, सोने, 10 वर्षीय बॉन्ड और बैंक सावधि जमाओं (एफडी) जैसे परिसंपत्ति वर्गों के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हालांकि इस रिटर्न (कर-पूर्व) के लिए निवेशकों को जोखिम लेने और निवेश के दौरान शेयरों में उतार-चढ़ाव को झेलने में सक्षम होना चाहिए।
म्युचुअल फंडों के पास है बड़ी नकदी
अक्टूबर के अंत में इक्विटी योजनाओं के पास करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये थे, नकदी के संदर्भ में पीपीएफएएस, क्वांट और एसबीआई तीन प्रमुख फंड हाउस रहे