हाल में आपने कहा था कि इन्फोसिस एआई-फर्स्ट कंपनी होगी। इसका क्या अर्थ है और टोपाज के जरिये आप किस तरह का बदलाव लाए हैं?
टोपाज एआई (आर्टिफिशल इंटेलिजेंस) में हमारे अगुआ होने का उदाहरण है। हमें लगा कि यह क्षमता दिखाना जरूरी है क्योंकि भीतर भी हम एआई में काफी काम कर रहे हैं। इस क्षेत्र में व्यापक क्षमता पेश करने वाले हम पहले थे और इस पर ग्राहकों का रुख बहुत सकारात्मक है। इससे पहले हम कोबाल्ट लाए थे, जो ग्राहकों के साथ बहुत अच्छा कर रहा है।
एआई-फर्स्ट का मतलब ऐसे समझिए कि सॉफ्टवेयर बनाना हो, मानव संसाधन में कुछ काम करना हो या फाइनैंस तथा कंपनी के भीतर कोई काम करना हो, हर कर्मचारी के लिए हमारे पास एआई असिस्टेंस हैं। ये एआई सिस्टम्स पूरी तरह तैयार और उपलब्ध हैं। कंपनी में हमारे पास 40,000 प्रशिक्षित लोगों की टीम है और कुछ तिमाही में पूरी कंपनी एआई में माहिर हो जाएगी। हम यह पक्का करना चाहते हैं कि एआई हर किसी के लिए काम का स्वाभाविक हिस्सा बन जाए। यह उत्पादकता बढ़ाने और ज्यादा काम करने का जरिया है। आज एआई ग्राहकों की सोच के केंद्र में है और ऐसा ग्राहक तथा उपक्रमों दोनों के साथ है।
एआई वाले नए माहौल में इन्फोसिस किस तरह बदलेगी?
कंपनी के भीतर चीजें बदल जाएंगी क्योंकिं हर कोई जेनरेटिव एआई प्लेटफॉर्म का उपयोग करेगा। अपने सॉफ्टवेयर बनाने के लिए हमने ओपन सोर्स जेनएआई प्लेटफॉर्म लिया है। हम इसे लगातार बढ़ा रहे है और बड़े लैंग्वेज मॉडल बना रहे हैं। हमारी 80 परियोजनाओं सभी मुख्य क्षेत्रों में फैली हैं। हमारे कई बड़े ग्राहक जेनएआई प्रोग्राम पर काम कर रहे हैं।
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सर्वोच्च स्तर से 15 फीसदी फिसली वेदांत
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बाजार नियामक सेबी के हालिया अध्ययन में सूचीबद्ध कंपनियों की तरफ से किए गए रॉयल्टी भुगतान में कुछ चिंताजनक रुझान सामने आए हैं। चार मे से एक मामला ऐसा रहा जिसमें कंपनियों ने अपने शुद्ध लाभ का 20 फीसदी से ज्यादा संबंधित पार्टियों को रॉयल्टी के रूप में भुगतान किया।
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