आईपीओ पर जोर
■ कोविड महामारी के बाद स्वास्थ्य सेवा पर निवेशक लगा रहे खूब दांव
■ इस क्षेत्र की कंपनियां आईपीओ बाजार में भी दे रहीं दस्तक
■ 2020 से अभी तक करीब दो दर्जन कंपनियों ने आईपीओ से 32,400 करोड़ रुपये जुटाए हैं
कोविड-19 महामारी के बाद लोगों में सेहत के प्रति जागरूकता बढ़ी है और सरकारी तथा निजी क्षेत्र ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर खर्च भी बढ़ाया है। यही देखकर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की कई कंपनियां आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाई हैं। 2020 से करीब दो दर्जन स्वास्थ्य सेवा या हेल्थकेयर कंपनियों ने आईपीओ के जरिये 32,400 करोड़ रुपये जुटाए हैं। 2007 से 2019 के बीच भी करीब इतनी ही हेल्थकेयर कंपनियों के आईपीओ आए थे मगर उनसे केवल 12,000 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। कोविड के बाद आए आईपीओ से जो रकम जुटाई गई है, उसमें करीब 13 फीसदी हिस्सेदारी हेल्थकेयर की ही रही है। इससे पहले के 12 साल में आईपीओ से जुटी कुल रकम में इनकी हिस्सेदारी केवल 4 फीसदी थी।
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Sign In
This story is from the {{IssueName}} edition of {{MagazineName}}.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Sign In
क्रेडिट कार्ड से ऋण पर चूक बढ़ी
वित वर्ष 2025 की पहली तिमाही (जून 2024 में समाप्त तिमाही) में क्रेडिट कार्ड सेग्मेंट में बैलेंस लेवल डिलिक्वेंसीज यानी शेष राशि के स्तर पर चूक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 17 आधार अंक की वृद्धि हुई है। वहीं व्यक्तिगत ऋण सहित अन्य सभी ऋण सेग्मेंट में कर्ज के भुगतान में चूक कम हुई है। हालांकि इस दौरान खुदरा ऋण में वृद्धि की रफ्तार कम हुई है। ट्रांस यूनियन सिबिल की एक रिपोर्ट में सोमवार को इसका ब्योरा सामने आया है।
मोबिक्विक को आईपीओ लाने की मंजूरी मिली
मोबीक्विक इस आईपीओ के जरिये 700 करोड़ रुपये जुटा रही है
भारत एफआईआई के लिए व्यस्त बाजार
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे के बाद सभी की नजरें अब भारतीय रिजर्व बैंक की संभावित दर कटौती पर हैं। मैक्वेरी कैपिटल में इक्विटी इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप भाटिया ने पुनीत वाधवा के साथ बातचीत में वैश्विक शेयर बाजारों की आगामी राह पर चर्चा की। मुख्य अंशः
एफऐंडओ में 93 फीसदी खुदरा निवेशकों ने गंवाई रकम
वित्त वर्ष 22 और वित्त वर्ष 24 के बीच एफऐंडओ में 1.8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ, लगातार नुकसान उठाने के बावजूद 75 फीसदी ने जारी रखा कारोबार
एमएफ में करीब 5 करोड़ निवेशक
म्युचुअल फंड (एमएफ) निवेशक आधार सितंबर में 5 करोड़ के पार > पहुंचने का अनुमान है। इक्विटी बाजार में लगातार तेजी और नई फंड पेशकशों ( एनएफओ) की बाढ़ के बीच सिर्फ 12 महीनों में फंड निवेशकों की संख्या में 1 करोड़ से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
एजीआर : वी ने सरकार से फिर की बात
वोडाफोन आइडिया (वी) के मुख्य कार्याधिकारी अक्षय मूंदड़ा ने सोमवार को विश्लेषकों को बताया कि दूरसंचार कंपनी ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया मुद्दे को सुलझाने के लिए केंद्र के साथ नए सिरे से बातचीत शुरू की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के कदम से कंपनी की दीर्घावधि व्यावसायिक योजनाएं और सुधार रणनीति प्रभावित नहीं होने की संभावना है।
भारतीय चिप अगले साल 15 अगस्त तक!
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय सेमीकंडक्टर वेफर्स और चिप्स के व्यावसायिक उत्पादन के लिए समयसीमा को अंतिम रूप दे रहा है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सरकार पहले ही इन योजनाओं को मंजूरी दे चुकी है और अब वह इनके चालू होने पर ध्यान दे रही है।
एमपी और यूपी मिलकर विकसित करेंगे सौर परियोजनाएं
दो पड़ोसी राज्यों- मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ने साथ मिलकर 8 गीगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं विकसित करने की योजना बनाई है। इन परियोजनाओं से दोनों राज्यों को छहछह महीने बिजली दी जाएगी। जब ये परियोजनाएं शुरू होंगी तो दो राज्यों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी वाली देश की पहली अनूठी परियोजना होगी।
सेंसेक्स, निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भी तेजी जारी रही और बीएसई सेंसेक्स लगातार तीसरे दिन 384 अंक की बढ़त के साथ रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ।
इंटर्नशिप की अर्जियां एआई से छंटेंगी
कंपनी मामलों के मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही इंटर्नशिप योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया अक्टूबर के मध्य से शुरू हो सकती है। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिये योजना के पात्र उम्मीदवारों को छांटा जाएगा। इसके बाद 'तटस्थ समिति' आवेदकों का चयन करेगी और फिर कंपनियां उस सूची में से अपने यहां इंटर्नशिप कराने के लिए आवेदक चुन सकती हैं। समिति में सरकार और उद्योग के प्रतिनिधि शामिल होंगे।