तेजी से हो रहे शहरीकरण और महानगरीय इलाकों में भूमि के अभाव के मद्देनजर रियल एस्टेट डेवलपर तेजी से छोटे एवं मझोले शहरों की ओर रुख करने लगे हैं। भूमि की कम लागत, वृद्धि की संभावनाएं और कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए सरकार की पहल जैसे कारक रियल एस्टेट कंपनियों को महानगरों के इतर विस्तार के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
मुंबई की रियल एस्टेट फर्म इंडियालैंड ग्रुप ने कहा कि बुनियादी ढांचे में तेजी से विकास कारोबारियों को छोटे एवं मझोले शहरों की ओर रुख करने के लिए आकर्षित कर रहा है। इंडियालैंड ग्रुप के चेयरमैन हरीश फैबियानी ने कहा, 'प्रॉपर्टी की कम लागत भी उसे अधिक रिटर्न एवं विविधीकरण की चाहत रखने वाले निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है। छोटे शहरों में विकास की रफ्तार सुस्त होने के कारण प्रॉपर्टी की कीमत अभी भी अपेक्षाकृत कम है। साथ ही भूमि एवं निर्माण सामग्री की लागत भी छोटे शहरों में अपेक्षाकृत कम होती है। ऐसे में दीर्घकालिक निवेशकों के लिए छोटे एवं मझोले शहरों में आकर्षक रिटर्न का अवसर दिखता है।'
इंडियालैंड ग्रुप अगले कुछ वर्षों में रियल एस्टेट क्षेत्र में करीब 700 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है। इस साल कंपनी ने करीब 200 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। फैबियानी ने कहा, 'हमारा मानना है कि इनमें से कुछ प्रॉपर्टी आधुनिक रियल एस्टेट और विशेष तौर पर पर्यावरण के अनुकूल मकान बनाने संबंधी परियोजनाओं में निवेश करने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए पर्याप्त अवसर पैदा करेंगी।'
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